लोकसभा चुनाव 2024 के बीच सपा को लग सकता है एक और झटका, बड़े नेता बीजेपी का दामन थामने की तैयारी में

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक झटका लगता जा रहा है, जहां पिछले तीन महीनों में समाजवादी पार्टी के कई कद्दावर नेता साइकिल का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। अब अखिलेश यादव को एक और नेता झटका देने वाले हैं

May 27, 2024 - 14:58
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच सपा को लग सकता है एक और झटका, बड़े नेता बीजेपी का दामन थामने की तैयारी में

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक झटका लगता जा रहा है, जहां पिछले तीन महीनों में समाजवादी पार्टी के कई कद्दावर नेता साइकिल का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। हालांकि अब इसी कड़ी में पूर्वांचल के बड़े भूमिहार नेता कहे जाने वाले  पूर्व मंत्री नारद राय भी सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का मन बना लिया है। यहां तक इसको लेकर कई ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि  नारद राय 29 तारीख को अमित शाह के साथ बलिया में मंच शेयर करते हुए बीजेपी की सदस्यता ले सकते हैं। 

नारद राय समाजवादी पार्टी से थे नाराज

दरअसल पिछले कुछ समय से ऐसी ख़बरें आ रही थी कि नारद राय समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वहीं के पीडीए के नारे के बीच उनको कोई खास तवज्जो नहीं मिलने के कारण वो अब सपा छोड़ने का मन बना चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक बलिया में आयोजित हुई समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की सभा में अखिलेश यादव ने मंच से नारद राय को खास इज्जत नहीं दी, जिसके बाद उन्होंने सपा का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया है। हालांकि उनके बीजेपी में शामिल होने को लेकर यह भी बोला जा रहा है कि नारद राय के ऊपर बीजेपी के कई प्रमुख नेता लंबे समय से डोरे डाल रहे थे लेकिन तब नारद राय ने बीजेपी की में जाने का कोई प्लान नहीं बनाया था। लेकिन अखिलेश यादव की मंच पर उनकी अनदेखी के बाद नारद राय ने सपा का साथ छोड़ने फैसला ले लिया है। 

चुनाव में बीजेपी का करेंगे समर्थन 

हालांकि अब तक जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नगर और राज्यसभा सांसद और बलिया से लोकसभा के प्रत्याशी नीरज शेखर की कोशिश के बाद नारद राय ने ये फैसला लिया है।  वहीं बोला तो यह भी जा रहा है कि 29 मई को वह अमित शाह के साथ मंच शेयर कर सकते हैं, एवं चुनाव में बीजेपी का समर्थन करेंगे। बता दें अगर बलिया लोकसभा की बात की जाए तो उसमें दो विधानसभा ऐसे हैं जो भूमिहार बाहुल्य हैं। अब नारद राय के बीजेपी में शामिल होने के बाद भाजपा को इसका चुनाव में बहुत बड़ा लाभ मिल सकता है।

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