नोएडा वालों के लिए बड़ी खुशखबरी : ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ग्रेटर नोएडा और दादरी में बने प्राइवेट ट्रैक पर होगा टेस्ट
इविंग लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट अब एआरटीओ ऑफिस में जाने से लोगों को छुटकारा मिल गया है। वहीं अब एआरटीओ कार्यालय में नहीं बल्कि ग्रेटर नोएडा और दादरी में बने प्राइवेट ट्रैक पर टेस्ट होगा। बता दें लोगों के विभाग के द्वारा यह व्यवस्था अगले सप्ताह से लागू कर दी जाएगी।
नोएडा वालों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जहां ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कई टेस्ट से गुजरना पड़ता है। यहां तक कि इसके लिए लोगों को परिवहन विभाग के ऑफिस का चक्कर काटना पड़ता है। लेकिन अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट अब एआरटीओ ऑफिस में जाने से लोगों को छुटकारा मिल गया है। वहीं अब एआरटीओ कार्यालय में नहीं बल्कि ग्रेटर नोएडा और दादरी में बने प्राइवेट ट्रैक पर टेस्ट होगा। बता दें लोगों के विभाग के द्वारा यह व्यवस्था अगले सप्ताह से लागू कर दी जाएगी। जबकि इससे संबंधित फाइनल रिपोर्ट परिवहन विभाग ने शासन को दे दी है। दरअसल अब केवल शासन से एसओपी जारी होने की देरी है। जैसे ही शासन की ओर से एसओपी जारी होगा उसके बाद लोगों को ये सुविधा मिल जाएगी।
परिवहन विभाग से होगा लाइसेंस अप्रूवल
इसमें सबसे अहम बात य़ह है कि अब तक लाइसेंस बनवाने के लिए परिवहन विभाग के पास कोई ट्रैक नहीं था। इस लिए मजबूरी में चालकों का टेस्ट विभाग के पास ही था। लेकिन अब बकायदा पूरे टेस्ट की कैमरे की निगरानी में रिकॉर्डिंग की जाएगी। शासन स्तर से प्राइवेट क्षेत्र में प्रत्यायन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाने थे। बता दें जिले में पहला ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बिसहाड़ा में साईं फायर एप्लाइंसिस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बनाया गया है। जबकि दूसरा ट्रेनिंग सेंटर दादरी में मेसर्स शिवम के माबर्ल नाम से बनाया गया है। इस पूरे मामलें में एआरटीओ प्रशासन डॉ सियाराम वर्मा का कहना है कि ड्राइविंग टेस्ट बेहतरी से हो सके इसके लिए व्यवस्था को बदला गया है। हालांकि उनका कहना है कि लाइसेंस का अप्रूवल परिवहन विभाग की ओर से ही किया जाएगा।
कई सेंटर खोलने के लिए विभाग ने मांगे आवेदन
गौरतलब है कि अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में ऐसे कई सेंटर खोलने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए विभाग की ओर से नियम और शर्तें रखी गई हैं। इसको लेकर भी एआरटीओ सियाराम वर्मा ने बताया कि केंद्र के लिए हल्के वाहन एक एकड़ जमीन जबकि भारी वाहन के लिए दो एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इन केंद्रों पर लर्निंग लाइसेंस के प्रशिक्षण के लिए क्लासेस का संचालन किया जाएगा। जबकि परमानेंट लाइसेंस का टेस्ट देने के लिए सिमुलेटर और आटोमेटिक ट्रैक पर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होगी।
प्रतिदिन 150 स्थायी बनाए जाते हैं लाइसेंस
बता दें फिलहाल एआरटीओ कार्यालय में हर दिन 150 स्थायी लाइसेंस बनाए जाते हैं। ऐसे में अब साफ़ है कि इन आवेदकों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी। अब सेंटर बनने से आवेदकों की पूरी प्रक्रिया होने के बाद आनलाइन डीएल डाउनलोड हो जाएगा और फिजिकल डीएल घर पहुंच जाएगा। जिससे लोगों काफी सुविधा मिलेगी, इसके साथ ही लोगों को टाइम की भी बचत होगी
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