ग्रेटर नोएडा में सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में भक्तों का उमड़ा जनसैलाब : 72 साल बाद बना दुर्लभ संयोग
ग्रेटर नोएडा में सावन के पहले सोमवार को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान सभी मंदिरों के बाहर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था कड़ी देखने के लिए मिली। भगवान भोलेनाथ के सबसे प्रिय महीना सावन की आज से शुरुआत हो गई है। वहीं इस बार काफी लंबे अरसे के बाद यह संयोग बना है कि इस बार के सावन महीने की शुरुआत सोमवार के दिन से हुई है।
ग्रेटर नोएडा में सावन के पहले सोमवार को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान सभी मंदिरों के बाहर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था कड़ी देखने के लिए मिली। भगवान भोलेनाथ के सबसे प्रिय महीना सावन की आज से शुरुआत हो गई है। वहीं इस बार काफी लंबे अरसे के बाद यह संयोग बना है कि इस बार के सावन महीने की शुरुआत सोमवार के दिन से हुई है। बता दें सावन के पहले दिन आज देश के सभी शिवालयों में भारी भीड़ देखने के लिए मिली। बता दें सेक्टर-19 स्थित सनातन धर्म मंदिर, सेक्टर-2 स्थित लाल मंदिर, सेक्टर-44 के शिव शक्ति मंदिर, सेक्टर-24 के शिव दुर्गा मंदिर, सेक्टर-100 में वोडा महादेव मंदिर समेत अन्य मंदिरों में जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
ग्रेनो के मंदिरों में सुबह 4 बजे से जलाभिषेक शुरू
बता दें ग्रेटर नोएडा, रबूपुरा, दादरी, जेवर, दनकौर स्थित मंदिरों को सजाया गया है। जहां सुबह 4 बजे से जलाभिषेक शुरू हो गया। जबकि इसको लेकर मंदिर प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। जबकि रबूपुरा क्षेत्र के भाईपुर ब्राह्मण गांव के पास शिव मंदिर नानकेश्वर पर दिल्ली एनसीआर से भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। इसको लेकर पहले ही प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली थी। हालांकि तैयारियों को लेकर सनातन धर्म मंदिर के पंडित बताया कि सुबह चार बजे से ही भक्तों का आना शुरू हो गए। जबकि लाल मंदिर के पुजारी का कहना है कि मंदिर में सुबह चार बजे से रुद्राभिषेक शुरू हो गए। वहीं आम भक्त भी तड़के से ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के तमाम शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। जिसमें सैनी शिव मंदिर सुनपुरा बाबा भोला सिद्ध मंदिर चिटहेरा बिसरख और बहुत सारे मंदिरों पर दोपहर 1 बजे तक शिव भक्तों की लंबी लाइन लगी रही।
सावन के पहले दिन वातावरण हुआ शिवमय
इसके साथ ही अगर बात की जाए संगम नगरी प्रयागराज की तो यहां भी भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में शिव भक्त श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। श्रद्धालु दर्शन और पूजा अर्चना कर शिवलिंगों का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर रहे हैं। इस मौके पर तमाम कांवड़िए संगम नगरी के अलग-अलग शिव मंदिरों से जल लेकर द्वादश ज्योतिर्लिंग की धार्मिक यात्रा पर भी निकल रहे हैं। वहीं देश में सावन के पहले दिन ही वातावरण शिवमय हो गया है। हर कोई भगवान भोले की भक्ति में लीन है।
72 सालों बाद पड़े खास संयोग
गौरतलब है कि इस बार सावन के महीने में शुक्र आदित्य योग, बुद्ध आदित्य योग, नव पंचम योग, गजकेसरी योग, कुबेर योग और शशि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। वहीं इन संयोगों के कारण इस बार के सावन महीने का महत्व कई गुना बढ़ गया है।इसके अलावा इस बार के सावन में पांच सोमवार और दो प्रदोष भी रहे हैं। बता दें इस बार नाग पंचमी 9 अगस्त को है, जबकि सावन महीने का समापन 19 अगस्त को रक्षाबंधन और श्रावणी पर्व के साथ होगा। वहीं जानकारों की मानें तो इस तरह के खास संयोग 72 सालों बाद पड़ रहे हैं।
मंदिरों में शिव भक्तों की उमड़ी भारी भीड़
बता दें सावन महीने के पहले दिन संगम नगरी प्रयागराज के अलावा देश के सभी शिव मंदिरों में भोलेनाथ के भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है। वहीं प्रयागराज में यमुना तट स्थित प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में तो शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं सभी शिवालयों पर भक्तों की दिन भर लंबी कतार देखने के लिए मिली। भोलेनाथ के भक्त भगवान शिव के दर्शन कर उनकी पूजा अर्चना कर रहे हैं। उन्हें गंगाजल - बेलपत्र, दूध - शहद और जल चढ़ा रहे हैं। हालांकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वहीं इसके साथ ही देश के तमाम शिवालयों में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने के लिए मिली।
मनकामेश्वर मंदिर के बारे में यह है मान्यता
बता दें मनकामेश्वर मंदिर के बारे में मान्यता है कि त्रेता युग में यहां भगवान राम ने काम को भस्म कर पूजा अर्चना की थी, इसी कारण से इसे कामेश्वर तीर्थ के रूप में भी माना जाता है। वही धार्मिक महत्व की वजह से ही यहां सावन महीने के अलावा भी पूरे साल भक्तों का तांता लगा रहता है। वहीं सावन के पहले सोमवार पर प्रयागराज के शिव मंदिरों पर सुरक्षा के भी बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और पीएसी के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स की भी तैनाती की गई है। इसके अलावा देश के ज्यादातर मंदिरों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी की जा रही है।हाइटेक युग में जो श्रद्धालु मंदिरों में नहीं पहुंच पा रहे हैं, उन भक्तों के लिए वर्चुअल दर्शन और रुद्राभिषेक की भी व्यवस्था तमाम मंदिरों में की गई है। इससे वो सभी श्रद्धालू भगवान के दर्शन का लाभ उठा पाएंगे जो मंदिर तक पहुंच पाने में असमर्थ हैं।
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