मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ईडी के 10 तर्क, सुप्रिम कोर्ट का आ सकता है बड़ा फैसला, सीएम को बेल मिलेगी या जेल में रहेंगे
दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम बेल मिलेगी या जेल बरकरार रहेगी?
दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम बेल मिलेगी या जेल बरकरार रहेगी? इस राज से पर्दा आज उठ जाएगा। दरअसल सीएम केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। बता दें शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक दिन पहले यानी कि गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी जमानत का विरोध किया है।
राजनेता किसी विशेषाधिकार का नहीं कर सकता दावा
बता दें ईडी का कहना है कि सामान्य नागरिक की तुलना में एक राजनेता किसी विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकता। अपराध करने पर उसे किसी अन्य नागरिक की तरह ही गिरफ्तार और हिरासत में लिया जा सकता है। दरअसल ईडी के उप निदेशक की ओर से दायर हलफनामे में यह कहा गया है कि किसी राजनेता के साथ किसान या व्यवसायी से अलग व्यवहार करना सही नहीं है।
ईडी के द्वारा दिए गए हलफनामे में साफ़ तौर पर कहा गया है कि यदि चुनाव प्रचार को अंतरिम जमानत का मुद्दा बनाया जाएगा, तो यह अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा। हालांकि उन्होंने बोला कि इसी आधार पर किसी अपराध में जेल में बंद किसी कंपनी का निदेशक कंपनी की वार्षिक आम बैठक में हिस्सा लेने के लिए एवं किसान भी फसल की कटाई के लिए भी जमानत मांग सकता है। वहीं अधिकारियों ने बोला कि चुनाव प्रचार का अधिकार न संवैधानिक न, मौलिक और न ही कानूनी अधिकार है। बताते चलें कि हलफनामे में कहा गया है कि अब तक ऐसा नहीं हुआ है कि किसी भी राजनीतिज्ञ को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई हो। इसके अलावा, ईडी ने तर्क दिया है कि पांच वर्षों में लगभग 123 चुनाव हुए हैं, और यदि चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है तो ऐसे में कभी भी किसी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा या उन्हें न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जा सकता, उनका कहना है कि क्योंकि चुनाव पूरे साल होते रहते हैं।
सीएम केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं
बता दें जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सवाल पर 10 मई को अपना फैसला सुनाएगी। हालांकि इससे पहले पीठ में शामिल न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने संकेत दिया कि वह मौजूदा आम चुनावों के मद्देनजर सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार कर सकती है। उनका कहना था यह असाधारण स्थिति है और सीएम केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। संघीय जांच एजेंसी ने अंतरिम राहत का विरोध करते हुए कहा कि इससे गलत मिसाल कायम होगी। वहीं केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। बता दें आप प्रमुख और दिल्ली के सीएम को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में हैं।
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