अखिलेश यादव की जनसभाओं मच रही है भगदड़ : मामलें में राजनीति शुरू, सपा प्रमुख ने घटना का इसे बताया जिम्मेदार
अखिलेश यादव की चुनावी सभाओं में भीड़ और अव्यवस्था को लेकर राजनीति काफी गरमा गई है। बीजेपी ने सपा अध्यक्ष को भीड़ को नियंत्रित नहीं रख पाने का आरोप लगाया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की जनसभाओं में पिछले कुछ दिनों से भगदड़ मचने की वारदात सामने आ रही है। हालांकि अखिलेश यादव की चुनावी सभाओं में भीड़ और अव्यवस्था को लेकर राजनीति काफी गरमा गई है। दरअसल बीजेपी ने सपा अध्यक्ष को भीड़ को नियंत्रित नहीं रख पाने का आरोप लगाया है। यहां तक कि भीड़ नियंत्रण नहीं रख पाने के लिए पीएम मोदी से सीएम योगी तक ने सवाल उठा चुके है। वहीं अब इस मुद्दे पर सपा प्रमुख ने पलटवार किया है और सभाओं में भीड़ में जो भगदड़ मच रही है उसके लिए उन्होंने भाजपा को ही जिम्मेदार ठहराया दिया है।
अखिलेश ने बीजेपी को बताया जिम्मेदार
बता दें अखिलेश यादव ने उनकी जनसभाओं में भीड़ के बेकाबू होने, हंगामा एवं उपद्रव की स्थिति के लिए अब बीजेपी को इसका जिम्मेदार बताया है। दरअसल सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाते हुए बोले कि भाजपा के लोग कपड़े बदलकर और लाल गमछा पहनकर उनके कार्यक्रमों में आते हैं एवं उनकी जनसभाओं को बिगाड़ने का प्रयास करते हैं।
अखिलेश यादव ने लगाया प्रशासन पर आरोप
हालांकि इस दौरान अखिलेश यादव ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि प्रशासन उनकी सभाओं में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं करा रहे है। जिस वज़ह से लगातार उनकी जनसभा में भगदड़ मच रही है। हालांकि अखिलेश ने आगे बोला कि जनसभा में उमड़ी भीड़ को देखते हुए मौके पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा रही है। इसलिए इस तरह की भी अव्यवस्था देखने को मिल रही है। जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से पहले उनके चचेरे भाई और आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने भी इस तरह की बात कही थी।
धर्मेंद्र यादव ने बताया युवाओं का उत्साह
दरअसल धर्मेंद्र यादव ने सपा की सभाओं में लोगों के द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने की घटना को युवाओं का उत्साह बताया इसके साथ ही उन्होंने कहा ये हमारे नेता की लोकप्रियता है कि लोग उनसे मिलने के लिए बेक़ाबू हो रहे हैं।जबकि सपा की सभाओं में उपद्रव की स्थिति को लेकर धर्मेंद्र यादव ने भी प्रशासन पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया था। दरअसल उन्होंने कहा था कि पुलिस के पास पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को लेकर इंटेलिजेंस इनपुट होता है फिर भी प्रशासन पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं करा रहा है। हालांकि इस मुद्दे को लेकर राज्य में राजनीति गरमा गई है। यहां तक कि बीजेपी और सपा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगा रही है।
सपा की जनसभाओं में हंगामा
बता दें 19 मई को फूलपुर और इलाहाबाद में लोकसभा सीट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनसभा थी, जिसमें भीड़ बेकाबू हो गई और बैरिकैडिंग तोड़कर मंच के पास तक पहुंच गई थी। हालांकि ऐसा ही संत कबीर नगर और आजमगढ़ में भी अखिलेश यादव की सभाओं में हंगामा देखने को मिला है। यहां तक कि आज़मगढ़ में तो भगदड़ की स्थिति हो गई थी। जिसके बाद पुलिस को हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा था। जिसके बाद पुलिस प्रशासन के द्वारा भीड़ पर काबू पाया गया।
डीजीपी इस घटना के बारे में क्या बोले
गौरतलब है कि इस पूरे मामले पर डीजीपी प्रशांत कुमार का बयान भी सामने आया था। जिसमें डीजीपी ने कहा कि जनसभा स्थलों पर भीड़ के हिसाब से पर्याप्त संख्या में पुलिस प्रशासन की तैनाती की जाती है। जबकि उन्होंने आगे बोला कि स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन ओर से आयोजकों को सारी जानकारी दे दी गई थी, लेकिन डीजीपी ने यह भी बोला कि जनसभा स्थल पर बैरिकेडिंग का काम राजनीतिक पार्टियों का है। उन्होंने साफ कर दिया कि जो अखिलेश यादव की जनसभा भगदड़ हुई, उन तीनों घटनाओं में पुलिस प्रशासन ने हालात को नियंत्रित किया है।
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