ऋषिकेश के एम्स के चौथी मंजिल पर अचानक पहुंची पुलिस की गाड़ी, कड़ी मशक्कत के बाद छेड़छाड़ के आरोपी को किया गिरफ्तार
ऋषिकेश के एम्स में पुलिस की गाड़ी चौथी मंजिल के वार्ड में अचानक घुस गई , जिसके बाद एम्स के मरीजों में मचा हड़कंप
ऋषिकेश के एम्स से हैरान करने वाली घटना सामने आई है। जिसके बारे में आज तक आपने ना ही सुना होगा और अगर देखा भी होगा तो बस फ़िल्मों में। बॉलीवुड की बहुत सारी फ़िल्मों में आपने देखा होगा कि पुलिस अपराधी को पकड़ने के लिए अपनी गाड़ी बिल्डिंग की किसी भी मंजिल पर पहुंचा देते हैं। वहीं इस समय उत्तराखण्ड पुलिस का एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
दरअसल ऋषिकेश के एम्स में पुलिस की गाड़ी चौथी मंजिल के वार्ड में अचानक घुस गई , जिसके बाद एम्स के मरीजों में हड़कंप मच गया। बता दें मरीजों के बेड के बीचों-बीच से स्पीड से पुलिस की गाड़ी निकल गई।
एम्स प्रशासन ने डाक्टर को किया निलंबित
गौरतलब है कि एम्स में एक नर्सिंग ऑफिसर ने ऑपरेशन के दौरान महिला चिकित्सक से छेड़खानी कि घटना सामने आई है। इस घटना के सामने आने के बाद जेआर एवं एसआर आक्रोशित हो गए और आरोपी को गिरफ्तार कर उनके सामने से ले जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार के लिए करीब दो घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एम्स प्रशासन ने चिकित्सक को निलंबित कर दिया है।
महिला डाक्टर को व्हाट्सएप पर भेजे अनुचित मैसेज
बता दें कि ये पूरी घटना सोमवार शाम सात बजे की बताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि जनरल सर्जरी विभाग के ऑपरेशन थिएटर में दो महिला चिकित्सक और एक पुरुष चिकित्सक के साथ ही एक पुरुष नर्सिंग ऑफिसर भी मौजूद थे। आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार ने एक महिला चिकित्सक को छेड़ने का प्रयास किया।
डॉक्टर पर आरोप है कि उसने महिला चिकित्सक को व्हाट्सएप पर अनुचित मैसेज भी भेजे। इतना ही नहीं ब्लकि आरोपी ने फांसी लगाने संंबंधी स्टीकर भेजकर मानसिक उत्पीड़न और डराने का प्रयास भी किया। पीड़ित महिला चिकित्सक ने इस संबंध में सोमवार देर शाम ही एम्स प्रशासन के साथ पुलिस चौकी में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई हैं।
डाक्टरों ने परिसर में किया प्रदर्शन
हालांकि इस घटना की मंगलवार दोपहर तक कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद पर आक्रोशित जूनियर रेजीडेंट और सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों ने परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन चिकित्सकों की मांग थी कि आरोपी को गिरफ्तार कर उनके सामने से ले जाया जाए। जबकि चिकित्सकों ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए ऑपरेशन थिएटर की रजिस्टर में छेड़छाड़ की गई है। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शन के बीच देर आरोपी सतीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस को मशक्कत से आरोपी को किया गिरफ्तार
बता दें आरोपी सतीश कुमार की सुरक्षित हिरासत के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आरोपी के साथ कोई अनहोनी घटना न हो इसके लिए पुलिस अपना वाहन अचानक सीधे चौथी मंजिल पर लेकर गई। इसके बाद यहां करीब डेढ़ घंटे से अधिक चले ड्रामे के बाद पुलिस की टीम ने किसी तरह आरोपी को वाहन में बिठाकर बाहर लाई। आक्रोशित जेआर एवं एसआर ने पुलिस वाहन को रोकने का प्रयास भी किया। इस दौरान पुलिस कर्मियों और चिकित्सकों के बीच नोकझोंक की बात भी सामने आई है।
विशाखा कमेटी ने की जांच पूरी
वही एम्स प्रशासन ने इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया कि विशाखा कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। उनके द्वारा जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंपी जाएगी। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। विशाखा गाइडलाइंस के अंतर्गत प्रत्येक ऐसी कंपनी या संस्थान जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी होते हैं वहां एक अंदरूनी शिकायत समिति गठित करना अनिवार्य होता है। इसमें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी महिला को दी जाती है। इस कमिटी में यौन शोषण के मुद्दे पर ही काम कर रही किसी बाहरी गैर-सरकारी संस्था की एक प्रतिनिधि को भी शामिल करना अनिवार्य होता है।
मरीजों के बीच से गई पुलिस की गाड़ी
बता दें एम्स के आपातकाल विभाग में उस समय हड़कंप मच गया, जब मरीजों के बेड के बीचों-बीच से स्पीड से पुलिस की गाड़ी गई। हालांकि आरोपी को चिकित्सकों की भीड़ से बचाने के लिए पुलिस अपने वाहन को इमरजेंसी वार्ड के अंदर से लाई।
मिली जानकारी के अनुसार एम्स ऋषिकेश में महिला चिकित्सक के साथ छेड़खानी मामले को महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल एम्स ऋषिकेश पहुंचीं और आईसीसी कमेटी एवं डीन डॉ. जया चतुर्वेदी, पीड़िता और उसकी सहयोगी महिला चिकित्सकों से मिलकर मामले की जानकारी प्राप्त की।
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