ग्रेटर नोएडा के 75 और 80 साल के बुजुर्ग शिव भक्त के जज़्बे को सलाम : बुजुर्ग के हौसले को देखकर युवा भी लेते हैं सीख
सावन के इस पावन महीने में गोमुख और हरिद्वार हजारों की संख्या में शिव भक्त कांवड़ लेने गए हैं।ग्रेटर नोएडा के दो बुजुर्ग हैं जिनके आगे युवा भी फैल है। और इनका ज़ज्बा देखकर किसी को जोश आ जाएगा। दरअसल इनकी उम्र 75 और 80 साल है, वही बुजुर्ग युवाओं की टोली में शामिल होकर गोमुख से लगातार 40 सालों से कांवड़ ला रहे हैं।
सावन के इस पावन महीने में गोमुख और हरिद्वार हजारों की संख्या में शिव भक्त कांवड़ लेने गए हैं। वहीं जल लेकर शिव भक्त वापस भी लौट रहे हैं। हालांकि इसमें सबसे ज्यादा युवाओं की टोली कांवड़ लेने के लिए जाती है। जबकि सावन के महीने में शिव भक्तों में अलग ही उल्लास रहता है। इसमें युवा क्या बुजुर्ग भी भगवान भोले के भक्ति में लीन है। बता दें ग्रेटर नोएडा के दो बुजुर्ग हैं जिनके आगे युवा भी फैल है। और इनका ज़ज्बा देखकर किसी को जोश आ जाएगा।
दरअसल ये बुजुर्ग युवाओं की टोली में शामिल होकर गोमुख से लगातार 40 सालों से कांवड़ ला रहे हैं। यहां तक कि इनकी भक्ति का जज्बा हर वर्ष बढ़ता ही जा रहा है। उनके हौसले को देखकर कांवड़ लाने वाले युवक भी आश्चर्य हो जाते हैं। इसके साथ ही दोनों बुजुर्ग अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत अच्छे से ध्यान देते हैं। हालांकि जिसके कारण ही वह इतनी उम्र में भी आसानी से कांवड़ लेकर आ रहे हैं।
40 वर्षों से गोमुख से प्रत्येक वर्ष लेकर आते हैं कांवड़
बता दें ग्रेटर नोएडा के जुनेदपुर गांव में रहने वाले सुरेश नागर जिनकी उम्र 75 साल है और सिद्ध दास जो 80 साल के हैं। वहीं दोनों अच्छे दोस्त हैं। बता दें सिद्ध दास गांव के ही एक प्राचीन मंदिर के पुजारी हैं। जबकि सुरेश नागर मंदिर के पास ही परिवार के साथ रहते हैं। वहीं सुरेश नागर ने अपने इस भक्ति के बारे में बताया कि वह पिछले करीब 40 वर्षों से गोमुख से प्रत्येक वर्ष कांवड़ लेकर आते हैं। हालांकि उनके साथ पिछले करीब 40 वर्षों से सिद्ध दास भी कांवड़ लेकर आ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक वर्ष उनका शिव भक्ति का जुनून बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि उनके परिवार के लोग भी अब उनकी उम्र को देखते हुए कांवड़ गोमुख से नहीं लाने की सलाह देते हैं। लेकिन वह सबकी बातों को दरकिनार करते हुए इस बार भी गोमुख से कांवड़ लेने गए हैं।
युवा भी इनसे टिप्स लेने की जरूरत
बता दें उनके द्वारा जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार वह सोमवार को हापुड़ जिले में प्रवेश कर चुके हैं। हालांकि अगले 2 दिन में वो अपने गांव पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही 80 वर्षीय सिद्ध दास का कहना है कि उनको किसी भी तरह की कोई थकान इस उम्र में भी नहीं होती है। जबकि दोनों बुजुर्ग ने बताया कि वह सुबह के वक्त करीब 4 किमी टहलते हैं। इसके साथ ही खान-पान पर भी विशेष ध्यान रखते हैं। जिसके कारण ही उनका स्वास्थ्य काफी अच्छा है।
हालांकि उन्होंने अपने खानपान को लेकर बताया कि वह देसी खाना खाते हैं। इनके भोजन में छाछ, दही, दूध, गेहूं, चने की रोटी और दाल आदि शामिल होती है। वह कभी बाजार का खाना नहीं खाते हैं। वहीं जहां आज कल के युवा जंक फूड खाने के शौकिन होते हैं, लेकिन ये इससे काफी दूरी रहते हैं। जबकि महीने में करीब 5 से 7 दिन तक वह उपवास भी रखते हैं। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए युवा भी उनसे टिप्स लेने की जरूरत हैं। जहां आजकल के युवा थोड़ी दूर चल के थक जाते हैं। वही ये बुजुर्ग आज भी सेंकड़ों किलोमीटर चलते हैं।
What's Your Reaction?