नोएडा के विवादित ट्विन टावर मामले प्राधिकरण के अधिकारियों पर गिरी गाज, 11 अधिकारी पाए गए दोषी, अंतिम नोटिस जारी
नोएडा के सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक के सबसे विवादित ट्विन टावर मामले की शुरुआती जांच में नोएडा प्राधिकरण के दोषी मिले 11 अधिकारियों को अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है। वहीं अब दोषी अधिकारियों अंतिम सुनवाई के लिए 8 अगस्त को तलब किया गया है। हालांकि इसके बाद इस मामले की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजकर आरोपियों पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
नोएडा के सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक के सबसे विवादित ट्विन टावर मामले की शुरुआती जांच में नोएडा प्राधिकरण के दोषी मिले 11 अधिकारियों को अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है। वहीं अब दोषी अधिकारियों अंतिम सुनवाई के लिए 8 अगस्त को तलब किया गया है। हालांकि इसके बाद इस मामले की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजकर आरोपियों पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। वहीं इस मामलें में प्रशासन की ओर से एसआईटी गठित होने के बाद जांच में 26 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। जबकि बीते साल 23 मार्च 2023 को प्रशासन ने इनमें से 11 अधिकारियों की जांच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी गई थी। हालांकि इस मामले जांच किया जा रहा था, वहीं जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद प्राधिकरण के 11 अधिकारियों पर गाज गिरी है।
प्राधिकरण के 11 अधिकारी पाए गए दोषी
बता दें ग्रेटर नोएडा के एसीईओ की प्रारंभिक जांच के बाद नोएडा प्राधिकरण के 11 अधिकारी दोषी पाए गए थे। हालांकि उनके द्वारा इन अधिकारियों को दोषी मानते हुए शासन से आदेश दिया गया था, कि इस मामले की उच्चस्तरीय तकनीकी जांच करा ली जाए। जबकि ने ग्रेटर नोएडा एसीईओ की जांच से संतुष्ट होते हुए उन्हें ही इस मामले में पूरी जांच करने के निर्देश दिए गए थे, एवं फाइल लौटा दी थी। हालांकि इसके बाद अब दोबारा एसीईओ ही प्रकरण की जांच कर रहे हैं। लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार , इस प्रकरण में दोषी मिले सभी 11 अधिकारियों को एसीईओ ने नोटिस जारी किया है, हालांकि उनके द्वारा सभी से मामले में अंतिम जवाब मांगा गया हैं। वह आठ अगस्त को इस मामले की अंतिम सुनवाई करेंगे। इसके बाद जांच रिपोर्ट तैयार कर संस्तुति के साथ शासन को भेज दी जाएगी। इसके बाद ही प्रशासन की तरफ से ही कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह का नाम शामिल
हालांकि इस मामले में एसआईटी की जांच में जिन 26 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उनमें से 20 अधिकारी पहले में ही रिटायर हो चुके हैं। जबकि दो की मौत हो चुकी है। हालांकि जो चार अधिकारी सेवा में हैं उनको सस्पेंड किया जा चुका हैं। वहीं इसके अलावा इस मामले में जो आईएएस अधिकारी आरोपी रहे उन सभी की विभागीय जांच शासन स्तर से चल रही हैं। इसमें नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ रहे मोहिंदर सिंह, एस के द्विवेदी व एसीईओ आरपी अरोड़ा, ओएसडी यशपाल सिंह आदि शामिल हैं।
SC ने ट्विन टावर मामले में की सख्त टिप्पणी
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर मामले को लेकर नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सख्त टिप्पणी की थी। दरअसल उन्होंने कहा था कि प्राधिकरण के चहरे ही नहीं, उसके मुंह, नाक और आंख सभी से भ्रष्टाचार टपकता है। हालांकि शासन ने इसके बाद इस मामले में सितंबर 2021 में उत्तर प्रदेश बुनियादी ढांचा एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें 26 अधिकारियों-कर्मचारियों, सुपरटेक के निदेशकों और उनके आर्किटेक्ट्स के खिलाफ कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 4 अक्टूबर 2021 को केस दर्ज किया गया था।
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