नोएडा का चर्चित हत्याकांड निठारी कांड : सीबीआई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कोली के खिलाफ जारी किया नोटिस 

सुप्रीम कोर्ट ने निठारी कांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोली को नोटिस जारी किया है। बता दें कि वर्ष 2005-06 में नोएडा में निठारी कांड हुआ था और इस कांड में कई बच्चियों की हत्या का मामला सामने आया था।

Jul 8, 2024 - 15:58
नोएडा का चर्चित हत्याकांड निठारी कांड : सीबीआई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कोली के खिलाफ जारी किया नोटिस 
सूरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट जारी किया नोटिस

नोएडा का चर्चित हत्याकांड निठारी कांड के मामलें में आरोपी सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दे दिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने निठारी कांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोली को नोटिस जारी किया है। बता दें कि वर्ष 2005-06 में नोएडा में निठारी कांड हुआ था और इस कांड में कई बच्चियों की हत्या का मामला सामने आया था। जिसमें सुप्रिम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को फांसी तक कि सजा सुनाई है। 

सीबीआई ने SC का खटखटाया दरवाजा 

बता दें मामले में सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए और उन्होंने कहा कि कई बच्चियों के अपहरण और मर्डर के लिए सुरेंद्र कोली जिम्मेदार है। इस दौरान उन्होंने ट्रायल कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में कोली को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसले को पलट दिया। हालांकि हाई कोर्ट से आरोपी को बरी किए जाने के बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

निठारी कांड दिसंबर 2006 में हुआ उजागर

गौरतलब है कि नोएडा का निठारी कांड दिसंबर 2006 में उजागर हुआ था। बता दें नोएडा में एक बिजनेसमैन के घर में कई बच्चियों और महिलाओं का शव और कंकाल मिले थे। हालांकि जिसके बाद प्रशासन के द्वारा मामले की छानबीन की गई थी, जिस कांड का सीबीआई जांच करवाया गया था, वहीं मामले में सीबीआई ने  मकान मालिक एम एस पंढेर और उसके हेल्पर कोली को आरोपी बनाया था। यहां तक कि मामले में दोनों को निचली अदालत ने दोषी करार दिया। 

12 मामलों में कोली को फांसी की हुई थी सजा  

दरअसल 12 मामलों में हेल्पर सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा हुई थी हालांकि बिजनेसमैन एम एस पंढेर को दो मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि ये मामला जब हाई कोर्ट में आया तो हाई कोर्ट ने एम एस पंढेर और कोली को सबूतों के अभाव में अक्टूबर 2023 में बरी कर दिया था। लेकिन उस दौरान हाई कोर्ट ने मामले की छानबीन के तरीके पर सीबीआई के खिलाफ टिप्पणी भी की थी। वही सुप्रिम कोर्ट के द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद अब ऐसा लगता है कि इस मामले में कोई नया मोड़ आएगा।

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