500 साल के बाद अयोध्या मनाया जा रहा है रामलाल का पहला जन्मोत्सव,रामलाल का किया गया अद्भुत श्रृंगार
अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्मोत्सव की तैयारियां हो गई है। इस बार अयोध्या में भगवान राम का जन्मोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा। इसको लेकर श्रद्धालु काफी ज्यादा उत्साहित हैं। बता दें कि भगवान राम का उनके जन्मस्थान पर करीब 500 सालों के बाद पहली बार भव्य जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्मोत्सव की तैयारियां हो गई है। इस बार अयोध्या में भगवान राम का जन्मोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा। इसको लेकर श्रद्धालु काफी ज्यादा उत्साहित हैं। बता दें कि भगवान राम का उनके जन्मस्थान पर करीब 500 सालों के बाद पहली बार भव्य जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इसको लेकर वर्षों तक संघर्ष और लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। जिसके बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला को उनके जन्मस्थान पर अधिकार दिया था। इसके बाद प्रभु रामलला के दिव्य धाम का निर्माण शुरू किया गया।
गौरतलब है कि 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम के दिव्य धाम के पहले चरण का निर्माण पूरा किया गया। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिव्य आयोजन हुआ।अब प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव उनके धाम में भव्य और दिव्य तरीके से मनाया जा रहा है। रामनवमी की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसको लेकर भक्तों में गजब का उल्लास दिख रहा है। बताते चलें कि रामनवमी के मौके पर दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्याभिषेक किया जाएगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली जाएगी।
भक्तों को दर्शन कराने के लिए की गई विशेष व्यवस्था
बता दें कि रामनवमी के मौके पर प्रभु रामलला का अद्भुत श्रृंगार किया जा रहा है। इसके लिए वेद मंत्रों के पाठ के साथ दूध और अन्य सामग्रियों के साथ उनका स्नान कराया गया। पुजारियों की ओर से प्रक्रिया पूरी कराई गई है। जहां पूरे राम मंदिर को फूलों से सजाया गया है। वहीं भक्तों को प्रभु श्रीराम का दर्शन कराने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
दरअसल, रामनवमी के मौके पर रामलला का दुग्धस्नान के साथ पूजन की प्रक्रिया शुरू की गई। वहीं राम जन्मोत्सव के मौके पर प्रभु श्रीराम के धाम में अलग ही छटा दिख रही है। रामनवमी को लेकर भक्ति पथ और राम पथ पर मैट बिछाई गई है। हालांकि भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। बताते चलें कि भक्तों को गर्मी से बचाव के लिए भी इंतजाम किए गए हैं।
सूर्य तिलक' के लिए सभी तैयारियां पूरी
बता दें कि अयोध्या में भगवान श्री रामलला के 'सूर्य तिलक' के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं रामनवमी के दिन दोपहर के समय सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी और दर्पण एवं लेंस से जुड़े एक विस्तृत तंत्र द्वारा उनका 'सूर्य तिलक' संभव हो सकेगा। वहीं अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में नए मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी होगी। इस प्रणाली का परीक्षण वैज्ञानिकों ने बीते मंगलवार को किया। इसे 'सूर्य तिलक परियोजना' का नाम दिया गया है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिक डॉ. एसके पाणिग्रही ने बताया कि सूर्य तिलक परियोजना का मूल उद्देश्य रामनवमी के दिन श्री राम की मूर्ति के मस्तक पर एक तिलक लगाना है। परियोजना के तहत रामनवमी के दिन दोपहर के समय भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि सूर्य तिलक परियोजना के तहत हर साल चैत्र माह में रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा और हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है। उन्होंने कहा कि विस्तृत गणना से पता चलता है कि रामनवमी की तिथि हर 19 साल में दोहरायी जाती है।
हालांकि रामनवमी के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। वही मिली जानकारी के अनुसार रामनवमी के मौके पर 40 लाख से अधिक लोग अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन करने पहुंच रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि रामनवमी मेला 20 अप्रैल तक चलेगा। इसको लेकर तैयारियों को पूरा कराया गया है। अयोध्या धाम में मेले को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी ना हो।
सीएम योगी ने दी प्रदेशवासियों को बधाई
बता दें कि इस खास मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनवमी के पावन मौके पर प्रदेश और देशवासियों को बधाई दी है। प्रभु श्रीराम के धाम में शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद भव्य मंदिर के निर्माण के बाद रामनवमी के आयोजन का भी जिक्र किया है।
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