ओल्ड राजेंद्र नगर में आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए हादसे में 3 छात्रों की मौत आखिर जिम्मेदार कौन, मालिक पर कसा शिकंजा

ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए इस हादसे में अबतक 3 छात्रों ने अपनी जान गंवाई है। जबकि इसमें 2 छात्राएं एवं एक छात्र शामिल है। हालांकि राहत एवं बचाव कार्य अब भी जारी है। वहीं इस हादसे के बाद से छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्रों का कहना है कि हमारी मांग है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

Jul 28, 2024 - 11:23
ओल्ड राजेंद्र नगर में आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए हादसे में 3 छात्रों की मौत आखिर जिम्मेदार कौन, मालिक पर कसा शिकंजा
छात्रों का फूटा गूस्सा

देश की राजधानी दिल्ली का ओल्ड राजेंद्र नगर कई आईएएस एस्पीरेंट्स का ठिकाना है। जहां छात्र देश के अलग अलग हिस्सों से अपना घर को छोड़कर सबसे  सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली आते हैं। इसके लिए छात्र दिन रात एक करके मेहनत करते हैं ताकि अपने मंजिल तक पहुंच पाए। हालांकि इसमें कुछ के हाथ निराशा लगती है तो कुछ सफल हो जाते हैं। और इनके माँ बाप का भी सपना होता है कि उनके बच्चे बड़े अधिकारी बने। वहीं मां-बाप के सपने को पूरा करने के लिए उन्हें बस क्या चाहिए? एक अच्छी कोचिंग जहां उन्हें सही गाइड मिल सके, एक कमरा, और खाने के लिए अच्छा भोजन एवं पढ़ने के लिए एकाग्रता।
लेकिन शनिवार देर रात दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में जो हुआ वह हर किसी के दिन को छलनी कर गया। दरअसल ओल्ड राजेंद्र नगर के राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे बारिश के पानी ने अब तक तीन छात्रों की जान ले ली। जिस यूपीएससी की कठिन चुनौती के लिए वह इस कोचिंग में रोज आते-जाते थे, वह ही उनके काल का कारण बन गया। वहीं आधी रात जिसने भी यह मंजर देखा वह सहम गया। इस घटना पर एनडीआरएफ और सरकार अपना काम कर रहे हैं लेकिन वो 3 जिंदगियां तो वापस आने से रहीं। दिल्ली में देर रात हुए इस दिल दहला देने वाले हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर भी रिएक्शन आ रहे हैं। हालांकि इसके साथ ही दिल्ली में राजनीति भी शुरू हो गई है। जहां बीजेपी दिल्ली सरकार पर निशाना साध रही है। 

सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा 

बता दें ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए इस हादसे के बाद से सोशल मीडिया पर लोग एमसीडी की लचर व्यवस्था से हैरान हैं। जहां लोगों ने सोशल मीडिया पर एनडीआरएफ पर अपना गुस्सा निकाला। दरअसल एक्स पर यूजर ने स्टूडेंट और एनडीआरएफ के बीच की बातचीत लिखी। इसमें स्टूडेंट पूछता है- 10 एंबुलेंस कहां हैं? एनडीआरएफ कहती है हमें नहीं मालूम। स्टूडेंट फिर पूछता है- क्या अंदर कोई और बचा है? एनडीआरएफ कहती है हमें नहीं पता। यूजर लिखता है कि तो तुम लोग 10 घंटे से क्या करने में लगे हो? वहीं लोग तो यह भी सवाल कर रहे हैं कि ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना की स्थिति हर गुजरते घंटे के साथ चिंताजनक होती जा रही है। यह आम आदमी पार्टी द्वारा पूरी तरह से कुप्रबंधन है। गरीब छात्र कोचिंग कक्षाओं में डूब रहे हैं। सरकार राज्य को अराजकता की ओर ले जा रही है। आखिर जो तीन जिंदगी गई है उसका जिम्मेदार कौन है। 

हादसे में 3 छात्रों ने जान गंवाई

गौरतलब है कि ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए इस हादसे में अबतक 3 छात्रों ने अपनी जान गंवाई है। जबकि इसमें 2 छात्राएं एवं एक छात्र शामिल है। हालांकि राहत एवं बचाव कार्य अब भी जारी है। वहीं इस हादसे के बाद से छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्रों का कहना है कि हमारी मांग है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यहां बेसमेंट में खुली ये सभी चीजें अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं और सुरक्षा के भी कोई उपाय नहीं हैं इसलिए इन सभी चीजों को रोका जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं हादसे को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि खोज और बचाव अभियान के समापन पर 3 शव बरामद किए गए हैं। उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है। मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। 

युवाओं की मौत का जिम्मेदार कौन 

अब सोचने वाली बात यह है कि माँ बाप बड़े सपने के साथ अपने बच्चों को दिल्ली भेजे थे। ताकि एक दिन वो अधिकारी बने, लेकिन क्या बीत रही होगी इन बच्चों के माता-पिता पर, जिन्होंने अपने जिगर के टुकड़े को आईएएस बनाने के लिए दिल्ली भेजा था। अब उन्हें क्या पता था कि लाखों रुपये खर्च करके जिन बच्चों को उन्होंने अच्छी जिंदगी के लिए देश की राजधानी में भेजा वो ही इस दुनिया में ही नहीं रहेंगे। अब इस हादसे पर सवाल उठना भी लाजमी है कि आखिर देश की नामी कोचिंग में पढ़ने वाले इन युवाओं की मौत का जिम्मेदार किसे माना जाए। कौन लेगा इन मासूमों के जान जाने की जिम्मेदारी। क्या कोचिंग वाले मानेंगे कि ये उनकी लापरवाही का नतीजा है? क्या दिल्ली सरकार इस घटना की जिम्मेदारी लेगी? या 
आखिर किसी को तो लेना होगा इसकी जिम्मेदारी। ऐसा इसलिए क्योंकि ये दुर्घटना तो है नहीं, गैर इरादतन हत्या का मामला है। हालांकि फिलहाल पुलिस-प्रशासन और सरकार बस सफाई पर सफाई दे रही है। उधर, इस घटना से राजधानी में पढ़ रहे हजारों छात्रों में काफी ज्यादा आक्रोश है। इसके साथ ही आम लोगों में गुस्सा है। जबकि अब इस घटना को लेकर हर किसी के मन में कई सवाल हैं। दिल्ली के पॉश इलाके में मौजूद इतने नामी कोचिंग सेंटर में आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती हैं? क्या इसको लेकर कोचिंग सेंटर को पहले से कोई अंदेशा था। 

छात्रों ने उठाए सवाल 

बता दें दिल्ली के कई इलाकों में हर साल पानी भरने की घटनाएं सामने आती रही हैं। वहीं दिल्ली के जिस इलाके में ये कोचिंग सेंटर है, वहां भी ऐसी शिकायतें आते रहती है। लेकिन फिर भी कोई उपाय क्यों नहीं किया गया। जबकि यहां पढ़ने वाले छात्रों की मानें तो हर साल बारिश में यहां की सड़क पर घुटनों तक पानी भर जाता है। इसके बावजूद भी उन्हें कोचिंग जाना पड़ता है। अब छात्रों ने सवाल उठाए कि यह रूल है बेसमेंट में कोचिंग चल ही नहीं सकती, इसके बाद भी यहां सैकड़ों लाइब्रेरी और कोचिंग बेसमेंट में संचालित हो रहे हैं। आज पानी भरने की घटना से छात्रों की मौत हुई, कल आग की घटना से मौतें होंगी। 

हादसे से छात्रों के अंदर डर 

दरअसल अंग्रेजी माध्यम से UPSC परीक्षा की तैयारी करने वाले लगभग दो लाख से अधिक स्टूडेंट्स दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर, पटेल नगर और करोल बाग इलाके में रहते हैं। ये तीनों ही यहां रेजिडेंशल इलाके हैं। जबकि हाल ही में नॉर्थ कैंपस एरिया में बारिश के बाद करंट लगने से एक स्टूडेंट की मौत हुई थी। उस घटना से यहां छात्र डरे हुए तो थे ही इसी बीच फिर शनिवार की घटना ने उन्हें अंदर तक हिला के रख दिया है। यहां तैयारी करने आए  छात्र ने बताया कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की वजह से स्टूडेंट्स की मौत ने उन्हें हिला कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि हम लोग यहां कमरे का हजारों किराया देते हैं और कोचिंग संस्थान में पढ़ने के लिए लाखों की फीस देते हैं। जबकि देशभर के स्टूडेंट यहां तैयारी के लिए आते हैं लेकिन हमारी जान की परवाह न कोचिंग वालों को है और न ही सरकार को है। वहीं इस हादसे के बाद अब कोचिंग संस्थान पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

 कोचिंग सेंटर के मालिक पर कसा शिकंजा 

बता दें दिल्ली पुलिस के द्वारा राजेंद्र नगर में कोचिंग हादसे के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक और कॉर्डिनेटर को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई, वहीं जिन छात्रों की मौत हुई है उनकी पहचान श्रेया यादव, तानिया सोनी और नेविन डेल्विन के रूप में हुई है। दरअसल पुलिस ने बीएनएस की धारा 105, 106(1), 152, 290 और 35 के तहत एफआईआर दर्ज की है। वही कोचिंग सेंटर का मैनेजमेंट और सिविक एजेंसी के लोग जांच के दायरे में हैं। वहीं एमसीडी ने भी दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिया है।

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