सामूहिक दुष्कर्म मामलें में योगी सरकार का कड़ा रुख आरोपी के बेकरी पर चला बुलडोजर, मायावती ने अखिलेश पर साधा निशाना
भदरसा कस्बे में नाबालिग बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म को लेकर योगी सरकार ने कड़ा रुख किया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने घटना के मुख्य आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी बेकरी में सेम्पलिंग कराकर खाद्य पदार्थ के पांच नमूने सील किए
राम नगरी अयोध्या से शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। जिसके बाद से ही यूपी की योगी सरकार एक्शन मूड में आ गई है। दरअसल भदरसा कस्बे में नाबालिग बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म को लेकर योगी सरकार ने कड़ा रुख किया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने घटना के मुख्य आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी बेकरी में सेम्पलिंग कराकर खाद्य पदार्थ के पांच नमूने सील किए, जिन्हें जांच के लिए भेज दिया गया है।
आरोपी की बेकरी को किया सील
बता दें तहसील प्रशासन की जांच में आरोपी की बेकरी तालाब की भूमि पर पाए जाने के बाद तहसील प्रशासन ने बेकरी यूनिट पर बुलडोजर चलवाकर उसे ध्वस्त करा दिया। वहीं बेकरी पर खाद्य विभाग की टीम ने छापेमारी की। हालांकि टीम ने खाद्य पदार्थों के पांच सैंपल लिए और ए-वन नाम की बेकरी को सील कर दिया। जबकि सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा प्रशासन मानिक चन्द्र सिंह ने इस करवाई को लेकर बताया कि सेम्पल की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों ने लगाया धमकी देने का आरोप
दरअसल अयोध्या के भदरसा में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले की पीड़िता को धमकाने के मामले में पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार, तीन लोग महिला अस्पताल पहुंचे। इनमें भदरसा नगर पंचायत के चेयरमैन मोहम्मद राशिद, इसके अलावा सपा नेता जय सिंह राणा और एक अन्य शामिल थे। परिजनों के अनुसार पहले उन लोगों ने सुलह समझौता का दबाव बनाया। हालांकि परिजनों के द्वारा इनकार कर दिया गया। जिसके बाद आरोप है कि इनलोगों ने पीड़िता के परिजनों को निपट लेने की धमकी देकर चले गए। वहीं पिपरी गांव निवासी राम सेवक दास की ओर से भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत विभिन्न धाराओं में दर्ज कराई गई एफआईआर में यह कहा गया है कि पीड़िता की हत्या के इरादे से ये लोग अस्पताल पहुंचे थे।
डॉ संजय निषाद ने पीड़िता से की मुलाकात
गौरतलब है कि इस मामलें में उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री डॉ संजय निषाद ने शनिवार को अयोध्या जिला महिला अस्पताल पहुंचे थे। वहां उन्होंने पीड़ित नाबालिग बच्ची से मुलाकात कर उसे हर प्रकार से सुरक्षा का भरोसा दिलाया। इस दौरान उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। वहीं संजय निषाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अखिलेश यादव का पीडीए प्रेम झूठा साबित हो रहा है। ऐसा लगता है कि इन अपराधियों के सहारे इनकी जीत हुई है। इसी कारण ये अपराधी को बचा रहे हैं। घटना पर उनका मुंह नहीं खुल रहा है। मैंने पीड़िता के लिए सदन में आवाज उठाई। जब तक आरोपी को फांसी पर नहीं लटकवा देते, तब तक पीड़िता के लिए लड़ाई लड़ेंगे तो हम सपा कार्यालय के सामने धरना करेंगे। उन्होंने कहा मोईद खान भदरसा से सपा का नगर अध्यक्ष है। वह सपा सांसद अवधेश प्रसाद का करीबी भी है। मोईद की भदरसा में कई प्रॉपर्टी हैं। मेन रोड पर उसकी बेकरी शॉप है। उसके एक मकान में बैंक भी संचालित हो रहा है। इसके अलावा कई दुकानें भी हैं, जो किराए पर दे रखी हैं, जिस चौकी पर पीड़िता की मां शिकायत करने पहुंची थी। वह मोईद खान के घर में ही चल रही थी।
मायावती ने अखिलेश पर साधा निशाना
वही इस मामले में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अयोध्या में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में योगी सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है। वहीं उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आरोपियों के डीएनए जांच की मांग पर भी सवाल उठाए हैं। इस दौरान उन्होंने पूछा है कि समाजवादी पार्टी को बताना चाहिए कि उनके समय में कितने ऐसे आरोपियों के खिलाफ डीएनए टेस्ट कराए गए थे। बता दें मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा है कि यूपी सरकार द्वारा अयोध्या गैंगरेप केस में आरोपी के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित है। लेकिन सपा द्वारा यह कहना कि आरोपी का डीएनए टेस्ट होना चाहिए इसे क्या समझा जाए। जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने डीएनए टेस्ट हुए हैं। हालांकि मायावती ने इसी मुद्दे पर एक और पोस्ट में इस घटना को दु:खद और चिंतित करने वाला बताया है।
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