ग्रेटर नोएडा में  वसूली करते पकड़ा गया ट्रेनी सब इंस्पेक्टर : पुलिस कमिश्नर ने लिया एक्शन डीसीपी समेत अन्य पर गिरी गाज 

ग्रेटर नोएडा में  कैब चालक से वसूली करते हुए ट्रेनिंग सब इंस्पेक्टर को रंगेहाथ पकड़ा गया है। बता दें थाना बिसरख क्षेत्र में एक कैब चालक से पैसे वसूली करने वाले ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

Aug 8, 2024 - 13:40
ग्रेटर नोएडा में  वसूली करते पकड़ा गया ट्रेनी सब इंस्पेक्टर : पुलिस कमिश्नर ने लिया एक्शन डीसीपी समेत अन्य पर गिरी गाज 
वसूली करते पकड़ा गया ट्रेनी सब इंस्पेक्टर

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों की तरफ से वसूली करने का आए दिन मामला सामने आते रहता है। इसको लेकर सीएम योगी काफी सख्त है। दरअसल इस वक़्त ग्रेटर नोएडा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां  कैब चालक से वसूली करते हुए ट्रेनिंग सब इंस्पेक्टर को रंगेहाथ पकड़ा गया है। बता दें थाना बिसरख क्षेत्र में एक कैब चालक से पैसे वसूली करने वाले ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं अमित मिश्रा को पुलिस सेवा से बर्खास्त भी कर दिया गया है। ये कार्रवाई पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के आदेश पर हुई है।

ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को किया गया बर्खास्त

दरअसल अब तक इस मामले में जो जानकारी सामने आई है। उसके मुताबिक थाना बिसरख क्षेत्र में एक कैब चालक से पैसे वसूली करने वाले ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा और उसके दो साथी अभिनव और आशीष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं इनके खिलाफ धारा 309 और 352 बीएनएस की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि घटना में इस्तेमाल की गई स्कॉर्पियो और हुंडई वेन्यू कार को सीज किया गया है। बता दें ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की दंड एवं अपील नियमावली 1991 के नियम 8(2)(b) के अंतर्गत सेवा से बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि उसके अन्य दो साथियों की तलाश की जा रही है। 

नोएडा सेंट्रल डीसीपी पर गिरी गाज 

गौरतलब है कि इस मामलें में कैब ड्राइवर और किसान नेताओं ने केंद्रीय मंत्री से शिकायत की थी। वहीं इसकी 5 अगस्त को पुलिस कमिश्नर ऑफिस में पहुंचकर भी शिकायत की गई थी। जिसके बाद इस मामले की जांच पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के द्वारा एसीपी 2 बिसरख को सौपी गई थी। मामले की जांच करने के बाद एसीपी 2 इस घटना के तह तक पहुंच पाए। जिसके बाद पूरी सच्चाई सामने आ गई। 
बता दें पुलिस इस घटना को दो दिनों तक दबाए रखने और कोई कार्रवाई न करने पर कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने नोएडा सेंट्रल डीसीपी सुनीति पर एक्शन लेते हुए उन्हें हटा दिया है। जबकि उनके स्थान पर फिलहाल शक्ति मोहन अवस्थी को डीसीपी नोएडा सेंट्रल के रूप में तैनात किया गया है। हालांकि इसके अलावा एसएचओ बिसरख, चौकी प्रभारी गौर सिटी-1, सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र और मोहित को निलंबित किया गया है। 

सेंट्रल की थाना के प्रभारियो में किया गया फेरबदल

दरअसल पुलिस कमिश्नर के द्वारा नोएडा सेंट्रल की थाना प्रभारियो में भी फेरबदल किया गया है। वहीं इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह को सूरजपुर थाना प्रभारी को थाना बिसरख का इंचार्ज बनाया गया है। जबकि इंस्पेक्टर विनोद कुमार को थाना प्रभारी इकोटेक थर्ड को थाना सूरजपुर का इंचार्ज बनाया गया है। वहीं इंस्पेक्टर अनिल पांडे को ईकोटेक 3 का इंचार्ज बनाया गया है।

ट्रेनी दरोगा ने 3000 लिए ऑनलाइन

हालांकि बिसरख थाना क्षेत्र के गौर सिटी इलेवन एवेन्यू में दो अगस्त की रात करीब एक बजे दिल्ली के पंचशील विहार से महिला सवारी छोड़ने आए कैब चालक राकेश तोमर ने दरोगा और उसके चार साथियों पर मारपीट करके सात हजार रुपये छीनने का आरोप लगाया था। वहीं उनपर आरोप है कि ट्रेनी दरोगा ने 3000 रुपये ऑनलाइन भी लिए थे। हालांकि उनका कहना है कि स्थानीय पुलिस चौकी पर सुनवाई नहीं होने पर तीन दिन बाद पुलिस आयुक्त से इसकी शिकायत की गई थी। 

कैब चालक ने लगाया कई गम्भीर आरोप 

बता दें कैब चालक ने आरोप लगाते हुए बोला है कि दो कार से पांच लोग उनके पास आए। यहां तक कि उनका कहना है कि उन्हें नीचे उतारकर अभद्रता की गई । उनमें से एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था। वे उन्हें और महिला सवारी को अपनी गाड़ी में बैठाकर सुनसान स्थान पर ले गए। वहीं कैब ड्राइवर ने इस दौरान पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए बोला कि उनके साथ मारपीट करके सात हजार रुपये छीन लिए गए। जबकि उनके द्वारा खर्चे का पैसा नहीं होने की बात करने पर पांच सौ रुपये वापस देकर भगा दिया गया।
वहीं शिकायत करने पर चौकी प्रभारी ने उस दरोगा को बुलाकर पहचान करवाई, लेकिन उसका नाम नहीं बताया। जबकि उन्हें सात हजार रुपये वापस कराकर समझौता करने को कहा गया, लेकिन शिकायतकर्ता ऐसा करने को तैयार नहीं थे। वहीं बीते मंगलवार को उसने पुलिस आयुक्त में इस घटना की शिकायत दी। जिसके बाद मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने मामला सही पाया और इसकी जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी, जिसके बाद बड़ा एक्शन हुआ। जिसमें कई पुलिस अधिकारी पर गाज गिरी है।

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