वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर वेरिएंट का जल्द शरू होगा ट्रायल , रेल मंत्री ने अहम बुलाई बैठक, 19,837 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल शुरू होते ही रेल यात्रियों के लिए एक खास सुविधा मिलने वाला है। ट्रेन वंदे भारत में केवल चेयर कार की ही सुविधा थी। जिसकी वजह से इस ट्रेन को लंबी दूरी पर नहीं चलाया जा रहा था। लेकिन अब बहुत जल्द ही वंदे भारत में स्लीपर क्लास की भी सुविधा मिलने वाली है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल शुरू होते ही रेल यात्रियों के लिए एक सुविधा मिलने वाला है। जहां अब तक भारत की सबसे हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत में केवल चेयर कार की ही सुविधा थी। जिसकी वजह से इस ट्रेन को लंबी दूरी पर नहीं चलाया जा रहा था। लेकिन अब बहुत जल्द ही वंदे भारत में स्लीपर क्लास की भी सुविधा मिलने वाली है। इसको लेकर रेलवे ने अपडेट जारी किया है। बताया तो यह भी गया है कि अगले दो महीने में वंदे भारत का ट्रायल शुरू हो जाएगा।
समय की पाबंदी और सेवाओं पर हुई चर्चा
इन दिनों गर्मी छुट्टी को लेकर ट्रेनों में काफी भीड़ रहती है। गर्मी की छुट्टियों के कारण हर साल यह समस्या बढ़ जाती है। हालांकि रलवे की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए हर साल स्पेशल ट्रेन चलाई जाती हैं। बता दें ट्रेन में इसी भीड़ को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में एक बैठक बुलाई थी। ताकि बैठक में इस विषय पर चर्चा किया जा सके कि यात्रियों की सुविधा के क्या किया जा सकता है। इस बैठक में रेल मंत्री ने रेलवे बोर्ड के सदस्यों, जोन प्रमुखों और मंडल के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की।
बता दें मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में स्टेशनों और ट्रेनों में सुरक्षा, समय की पाबंदी और सेवाओं पर चर्चा हुई। हालांकि बीते दिनों ही केंद्रीय मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर वेरिएंट का ट्रायल शुरू करने वाला है। वंदे भारत का स्लीपर का फाइनल काम चल रहा है। दरअसल अभी चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों में सिर्फ चेयर कार होती हैं। इससे उनका इस्तेमाल कुछ ही घंटों के डे टाइम रूट तक सीमित रहता है। स्लीपर वेरिएंट लंबी यात्रा करने वाले यात्रियों को अधिक आरामदायक सफर प्रदान करेगा।
19,837 स्पेशल ट्रेनें चलाई
गौरतलब है कि इस बैठक में रेल मंत्री वैष्णव ने यह भी बताया कि नई ट्रेनों के अलावा, अप्रैल, मई एवं जून के दौरान गर्मी में भीड़ को कम करने के लिए रेलवे के द्वारा 19,837 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। आधिकारिक तौर पर अनुमानों के अनुसार, इन महीनों के दौरान गर्मियों की छुट्टियों में भारतीय रेल ने 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। जबकि वैष्णव ने बताया है कि अमृत भारत ट्रेनों का ट्रायल सफल रहा है। उनका कहना है कि जल्द ही इनके शुरू होने की उम्मीद है। इन तमाम उपायों के जरिये सरकार वेटिंंग की झंझट को खत्म करना चाहती है। माना जा रहा है सरकार की इस पहल के बाद यात्रियों की परेशानी भी कम होगी।
बुनियादी ढांचे से नहीं किया जा सकता समझौता
दरअसल रेल मंत्री की अधिकारियों के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से समझौता नहीं किया जा सकता। वहीं बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने कहा, 'यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने बताया, सेवाओं और समय की पाबंदी में सुधार, व्यस्त मार्गों की पहचान और ट्रेनों में भीड़ को कम करने के लिए अत्यधिक ट्रेनों को चलाने पर फोकस किया गया।
इसके अलावा वैष्णव ने गर्मी के मौसम में स्टेशनों पर एसी, पंखे और वाटर कूलर जैसे उपकरणों के नियमित रखरखाव को सुनिश्चित करने का आह्वान किया। एक मंडल रेल प्रबंधक ने कहा, 'मंत्री ने जोर देकर कहा कि समय पर ट्रेन संचालन सुरक्षा और यात्री सुविधाओं के साथ होना चाहिए।
रेल मंत्री ने ट्रेन देरी से चलने का कारण पूछा
बता दें अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों को उन विशिष्ट हिस्सों पर ट्रेनों के देरी से चलने के मूल कारणों का विश्लेषण करने का निर्देश दिया है। जो समय की पाबंदी पर काफी असर डालते हैं। हालांकि अधिकारी ने कहा, अनुचित ट्रेन रोको को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। समय की पाबंदी के आंकड़ों की सख्ती से निगरानी की जानी चाहिए और इसमें सुधार किया जाना चाहिए।
वहीं इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक और अपडेट शेयर करते हुए कहा था, 'बुलेट ट्रेन सेवाओं के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी प्रणाली को अपनाया गया है। यह प्रणाली उत्कृष्ट उपकरण प्रणाली से लैस रेन गेज का उपयोग करके वर्षा पर वास्तविक समय डेटा प्रदान करेगी।
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