उत्तर प्रदेश में परीक्षा में धांधली करने वाले हो जाए सावधान : योगी सरकार ने निकाला सख्त नियम, जाने सरकार की नई नीति
उत्तर प्रदेश में भी कई भर्ती परीक्षाओं के लीक के मामलें सामने आए थे। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भर्ती परीक्षा पेपर लीक को रोकने और धांधली खत्म करने के लिए एक निर्देश जारी किया है। वहीं सरकार की यह कोशिश है कि इस नीति को लागू करने के बाद परीक्षा लीक और इसमें धांधली की घटनाएं खत्म हो जाएगी।
भर्ती परीक्षा लीक मामले की घटनाएं आए दिनों सुनने को मिल रही है। वहीं हाल में ही नीट और यूजीसी की परीक्षा में पेपर लीक मामले के मामले सामने आए थे। इसको लेकर पूरे देश में विवाद खड़ा हो गया। इस मुद्दे को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है। हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद लोगों का परीक्षा एजेंसियों के ऊपर से भरोसा उठते जा रहा है। वहीं देश के अलग अलग राज्यों में कई परीक्षा भर्ती को लेकर मामला उठा था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कई भर्ती परीक्षाओं के लीक के मामलें सामने आए थे। लेकिन अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भर्ती परीक्षा पेपर लीक को रोकने और धांधली खत्म करने के लिए एक निर्देश जारी किया है। वहीं सरकार की यह कोशिश है कि इस नीति को लागू करने के बाद परीक्षा लीक और इसमें धांधली की घटनाएं खत्म हो जाएगी।
परीक्षा केंद्रों के पास तीन साल का होना चाहिए अनुभव
गौरतलब है कि नई नीति में सरकार ने निर्देश दिया है कि जिस भी परीक्षा केंद्र पर भर्ती एग्जाम कराया जाएगा, उस परीक्षा केंद्र को कम से कम तीन साल परीक्षा कराने का अनुभव होना चाहिए।वहां जाने के लिए सड़के के साथ यातायात के साधन की व्यवस्था भी होनी चाहिए। जहां परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा हो उस भवन में बाउंड्रीवाल, शौचालय, पेयजल के साथ ही बिजली और जनरेटर की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही सभी केंद्रो में सीसीटीवी भी होना चाहिए। दरअसल योगी सरकार ने कहा कि इन केंद्रो का चयन डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाकर करना चाहिए। नई नीति के अंतर्गत परीक्षा केंद्र बस स्टैंड, रेलवे स्टैंड एवं कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर होगा।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले जाने पर होगी पाबंदी
इसके साथ ही य़ह भी बोला गया कि जहां भी परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे है। वहां कक्ष निरीक्षकों के परीक्षा कक्ष का आवंटन परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र पर प्रवेश से 30 मिनट पहले किया जाना चाहिए। वहीं परीक्षा केंद्रों पर तैनात कर्मियों के पास किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं होना चाहिए। वहीं अगर परीक्षा एक से ज्यादा पालियों में हो रही है तो कोषागार से प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका अलग- अलग जानी चाहिए।
बता दें कि एग्जाम सेंटर में अभ्यार्थी के हस्ताक्षर और फोटो का पहले मिलान किया जाएगा। इतना ही नहीं हस्ताक्षर को स्कैन भी किया जाएगा। परीक्षा केंद्र में ही परीक्षार्थियों का बायोमेट्रिक आधार कार्ड का मिलान भी होगा। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किया जाएगा। सभी परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्रों का आवंटन गृह मंडल से अलग किया जाएगा। ताकि परिक्षा में किसी प्रकार की धांधली नहीं हो पाए।
प्रिंटिंग प्रेस के चयन में बरती जाएगी गोपनीयता
बता दें इसके साथ ही प्रिंटिंग प्रेस चयन में पूरी तरह से गोपनीयता बरती जाएगी। वहीं प्रिंटिंग प्रेस पर किसी भी व्यक्ति को मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही प्रिंटिंग प्रेस पर सभी आने जाने वालों की जांच की जाएगी। किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस केंद्रों पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। वही प्रिंटिंग प्रेस के चारों ओर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा। ताकि प्रिंटिंग प्रेस से भी किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी ना हो।
डीएम समिति बनाकर परीक्षा केंद्रों का करेंगे चयन
बता दें डीएम समिति बनाकर परीक्षा केंद्रों का चयन करेंगे। वहीं नई नीति के निर्देश के अनुसार ही परीक्षा केंद्रो का चयन किया जाएगा। श्रेणी- ए में राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय डिग्री कॉलेज, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग, राज्य एवं केंद्र के विश्वविद्यालय, और मेडिकल कॉलेज को शामिल किया गया है। हालांकि श्रेणी बी में भी इसी श्रेणी के ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न एडेड स्कूलों और कॉलेजों को केंद्र बनाया जाएगा। काली सूची और विवादित स्कूल एवं कॉलेजों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
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