नोएडा और ग्रेनो की 12 स्कूल पर संकट के बादल मंडराया : स्कूलों की रद्द होगी मान्यता, जानिए कारण
गौतमबुद्धनगर में शिक्षा विभाग ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया है। जिससे हो सकता है सेंकड़ों बच्चों की भविष्य अधर में लटक सकती है। दरअसल जिला प्रशासन शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में दाखिला नहीं देने वाले 12 निजी स्कूलों की मान्यता खत्म हो सकती है।
गौतमबुद्धनगर में शिक्षा विभाग ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया है। जिससे हो सकता है सेंकड़ों बच्चों की भविष्य अधर में लटक सकती है। दरअसल जिला प्रशासन शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में दाखिला नहीं देने वाले 12 निजी स्कूलों की मान्यता खत्म हो सकती है। वहीं इस मामले में 16 जुलाई को जिलाधिकारी ने डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। हालांकि ये कमेटी स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब तलब करेगी।
गौरतलब है कि स्कूलों से जवाब आने के बाद शासन के द्वारा स्कूलों की मान्यता रद्द् करने का पत्र भेजा जाएगा। इन 12 स्कूलों में छह स्कूलों ने आरटीई के अंतर्गत एक भी दाखिला नहीं दिया हैं। इन स्कूलों में कुल 228 में से 194 बच्चे चार माह बाद भी पढ़ाई शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक बच्चों को कोई जवाब नहीं मिला है।
स्कूल आरटीई के तहत बच्चों का नहीं कर रहे दाखिला
बता दें कि शिक्षा विभाग आरटीई के अंतर्गत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों दाखिला करा रहा है। इस लॉटरी के माध्यम से बच्चों को स्कूलों का आवंटन किया जाता है। इसके उलट निजी स्कूल मनमानी कर रहे है। यहां तक कि निजी स्कूल आरटीई के तहत बच्चों का दाखिला नहीं कर रहे है। अब बीएसए ने ऐसे स्कूलों की मनमानी पर प्रतिबंध लगाने का और शिकंजा कसने का मन बना लिया है। वहीं बीएसए ने ऐसे ही 12 निजी स्कूलों की जानकारी जिलाधिकारी को सौंपी है।
आरटीई क्या है
दरअसल सरकार के द्वारा आरटीई इसी साल लागू किया गया है। जिसके अंतर्गत गरीब तबके के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षा के अधिकार योजना का शुभारंभ किया गया। इसके तहत गरीब तबके के बच्चों को निशुल्क शिक्षा, गणवेश एवं पुस्तकों की उपलब्धता करवाए जाने के सख्त नियम पारित किए गए। बता दें भारत सरकार द्वारा सन 2005 में शिक्षा का अधिकार एक्ट लाया गया था। इस अधिनियम के अनुसार भारत सरकार ने 6 वर्ष से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए शिक्षा अनिवार्य और मुफ्त कर दिया है। इस एक्ट के अनुसार प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए 25% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। के तहत नाम लिखवाने वाले विद्यार्थियों को कोई भी शिक्षण शुल्क नहीं देना पड़ता है। इस शिक्षण सत्र में पढ़ने वाले बच्चों की फीस सरकार के द्वारा संस्थाओं को दी जाती है। आरटीई योजना के द्वारा कई सारे गरीब बच्चों को भी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलेगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दी जानकारी
दरअसल जिलाधिकारी को बीएसए के द्वारा जो जानकारी दी गई है उसमें उनके द्वारा बताया गया है कि इन स्कूलों को कई बार नोटिस जारी कर चेतावनी दी जा चुकी है। इसको लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि दाखिला नहीं देने वाले 12 स्कूलों की मान्यता रद्द् करने की कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। जबकि उन्होंने कहा कि डिप्टी कलेक्टर वेद प्रकाश पांडेय कमेटी के अध्यक्ष होंगे। हालांकि जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी आशीष कुमार एवं कुमारी मायावती राजकीय कन्या इंटर कालेज की प्राचार्य छवि सिंह सदस्य होंगीं। वही स्कूलों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब तलब किया जाएगा। बता दें जिन स्कूल को नोटिस जारी किया गया गया है, उसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई नामी स्कूल के नाम शामिल हैं।
इन स्कूलों की रद्द होगी मान्यता
1. बाल भारती पब्लिक स्कूल, सेक्टर-21 नोएडा
2. डीपीएस नॉलेज पार्क-5 ग्रेनो वेस्ट
3. द मिलेनियम स्कूल सेक्टर-119 नोएडा
4. रामाज्ञा स्कूल, सेक्टर-50 नोएडा
5. समसारा द वर्ल्ड एकेडमी, सेक्टर-37 ग्रेनो
6. राघव ग्लोबल स्कूल, सेक्टर-122 नोएडा
7. दरबारी लाल फाउंडेशन वर्ल्ड स्कूल, जीटा-वन ग्रेनो
8. शिव नादर स्कूल, छपरौली बांगर नोएडा
9. संस्कार स्कूल, रोजा जलालपुर ग्रेनो वेस्ट
10. फॉच्यून वर्ल्ड स्कूल, सेक्टर-105 नोएडा
11. आर्मी पब्लिक स्कूल, नोएडा
12. ऑक्सफोर्ड ग्रीन पब्लिक स्कूल, सिरसा ग्रेनो
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