उत्तर प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस पर सख्ती शुरू : तीन दिन तक उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने का दिया निर्देश
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों के विरोध के बीच योगी सरकार ने इसको लेकर सख्ती शुरू कर दी है।दरअसल परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों के विरोध के बीच जिलों में सख्ती शुरू हो गई है। जहां बाराबंकी एवं उन्नाव में तीन दिन उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने का निर्देश दे दिया गया है।
यूपी में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों के विरोध के बीच योगी सरकार ने इसको लेकर सख्ती शुरू कर दी है। दरअसल परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों के विरोध के बीच जिलों में सख्ती शुरू हो गई है। जहां बाराबंकी एवं उन्नाव में तीन दिन उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने का निर्देश दे दिया गया है। वहीं दूसरी ओर तीसरे दिन भी शिक्षकों का पूरे प्रदेश में विरोध जारी रहा और उन्होंने डिजिटल अटेंडेंस दर्ज नहीं कराई है। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार बाराबंकी में करीब 11 हजार शिकक्षो का वेतन काटने का निर्देश दिया गया है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिया निर्देश
बता दे बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों पर सख्ती दिखाते हुए यह भी कहा है कि 11 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्नाव की बीएसए ने भी पहले ही यह निर्देश दिया था कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों का डिजिटल उपस्थिति दर्ज नहीं कराना विभागीय आदेश की अवहेलना माना जाएगा। जबकि अधिकारियों के निर्देश के बाबजूद भी प्रदेश में अलग अलग जगह पर शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
हर जिले में प्रदर्शन कर ज्ञापन देने का लिया निर्णय
गौरतलब है कि अधिकारियों ने ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन-मानदेय अगले आदेश तक रोकने का निर्देश दिया है। लखनऊ के बीएसए ने भी खंड शिक्षा अधिकारियों को हर दिन कम से कम पांच विद्यालयों का नियमित निरीक्षण कर पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन के निर्देश दिए हैं। वहीं इसमें रुचि न लेने वाले शिक्षकों के नाम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जबकि इसके बाद तीसरे दिन शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर प्रदेश भर में जमकर विरोध किया। वहीं इसके अलावा डिजिटल अटेंडेंस को लेकर तीसरे दिन भी शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि उन्होंने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। इसके साथ ही शिक्षकों ने संयुक्त संघर्ष मोर्चा का गठन कर 15 जुलाई को हर जिले में प्रदर्शन कर ज्ञापन देने का निर्णय लिया है।
शिक्षकों ने सभी ब्लॉकों में सीएम को दिया ज्ञापन
जबकि बरेली में दो दिन की छुट्टी के बाद बुधवार को विद्यालय खुले। हालांकि बाढ़ के कारण अभी भी कई स्कूलों में पानी भरा हुआ है। वहीं इसकी वजह से शिक्षक काफी दिक्कत से स्कूल पहुंच रहे हैं। बता दें यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में सभी संगठनों के पदाधिकारी और शिक्षकों ने सभी ब्लॉकों में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया।
15 जुलाई को लिया जाएगा निर्णय
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने शिक्षकों के द्वारा किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन लेकर बताया कि संगठन 11-12 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों से बात कर उनका पक्ष जानेगा। इसके बाद 15 जुलाई को आगे का निर्णय लिया जाएगा। जबकि सभी शिक्षक संगठनों के संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 15 जुलाई को हर जिलों में स्कूल टाइम के बाद संयुक्त रूप से एकत्र होकर मार्च कर जिला मुख्यालय जाने और डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही 29 जुलाई को लखनऊ में निशातगंज स्थित महानिदेशक कार्यालय के घेराव का भी ऐलान किया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी समीक्षा
बता दें इसको लेकर अपर परियोजना निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने डिजिटल अटेंडेंस पर सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक और बीएसए को पत्र भेजा। वही इनके द्वारा भेजे गए पत्र में बोला गया है कि 11 जुलाई को दोपहर एक बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शिक्षक-छात्रों की उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी। इसमें सभी बीईओ, जिला समन्वयक प्रशिक्षण भी शामिल होंगे। वही डिजिटल अटेंडेंस के उपर सरकार की ओर से भी सख्ती दिखाई जा रही है। हालांकि देखने वाली बात होगी कि आखिर शिक्षकों के द्वारा डिजिटल अटेंडेंस विरोध किया जा रहा है। आखिर उसका क्या निर्णय निकालता है।
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