सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर ईडी से पूछे सवाल
सुप्रिम कोर्ट ने अब ईडी से सवाल खड़े कर दिए हैं। असल में सुप्रीम कोर्ट ने आम चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर ईडी से सवाल किए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री आबकारी नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं। जब से केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है तब से ही लगातर आम आदमी पार्टी उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बता रहीं हैं। हालांकि सीएम केजरीवाल की अर्जी पर 30 अप्रैल की सुप्रिम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के दौरान सुप्रिम कोर्ट ने अब ईडी से सवाल खड़े कर दिए हैं। असल में सुप्रीम कोर्ट ने आम चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर ईडी से सवाल किए।
बता दें कोर्ट का कहना है कि लाइफ एंड लिबर्टी निहायत अहम हैं और आप उसे मना नहीं कर सकते हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से इस मामले में पांच सवाल किए हैं। हालांकि ईडी से कहा गया कि वह अगली सुनवाई में केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग से संबंधित सवालों के जवाब लेकर आए।
कोर्ट ने ईडी से पूछे पांच सवाल
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने ईडी से सवाल किया कि क्या विजय मदन लाल चौधरी केस में दी गई व्यवस्था के तहत क्या बिना किसी कार्यवाही के आपराधिक कार्रवाई शुरू हो सकती है। वहीं जस्टिस खन्ना ने सीएम केजरीवाल केस का हवाला देते हुए कहा कि अभी तक कोई अटैचमेंट कार्यवाही नहीं हुई है। अगर कोई कार्यवाही हुई है तो ईडी उसे कोर्ट में पेश करे।
हालांकि मनीष सिसोदिया केस में दो पार्ट में जजमेंट हैं। वहीं एक उसे फेवर करता है और दूसरा उनके खिलाफ है। कोर्ट ने ईडी से पूछा कि आप बताएं कि केजरीवाल केस किस पार्ट में आता है। वहीं कोर्ट की ओर से यह भी सवाल किया कि पीएमएलए एक्ट की धारा-19 की व्याख्या कैसे होगी। बताते चलें कि सीएम केजरीवाल ने गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है। लेकिन उन्होंने जमानत अर्जी दाखिल नहीं की है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि कार्यवाही की शुरुआत और शिकायत के बीच गैप है। लिबर्टी निहायत महत्वपूर्ण है और हम उसे मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा, गिरफ्तारी की टाइमिंग बेहद अहम सवाल है। यह गिरफ्तारी आम चुनाव से ठीक पहले की गई है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय कर दी है। इसके साथ ही ईडी की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा है कि वह इन सवालों के जवाब के साथ कोर्ट में आएं। जस्टिस खन्ना ने सवाल किया कि गोवा चुनाव की टाइमिंग क्या थी? उनका कहना है कि कब पॉलिसी बनी और कब अमल में लाई गई। वहीं अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने बोला कि 5 जुलाई 2021 को पॉलिसी बनी और गोवा चुनाव 14 फरवरी 2022 को हुआ था।
केजरीवाल के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं
बता दें इससे पहले अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी और बोला कि सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। हालांकि केजरीवाल ने गिरफ्तारी और रिमांड को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और उनकी ओर से बोला गया है कि गिरफ्तारी अवैध है। इसके साथ ही कहा कि जिस बयान के आधार पर गिरफ्तारी हुई है, वह बयान डेढ़ साल पहले लिया गया था। वहीं देश में आचार संहिता लागू होने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है, जबकि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है।
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