काशी विश्वनाथ धाम में अस्थायी गेट लगाने पर हंगामा,मसाजिद कमेटी और अंजुमन इंतेजामिया कमेटी किया विरोध
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अस्थायी गेट लगाया जा रहा था। ताकि सावन के महीने में भक्तों को कोई परेशानी न हो। लेकिन अब गेट लगवाने का काम रुक गया है। दरअसल गेट लगाने के विरोध में मुस्लिम समुदाय धरने पर बैठ गया। मसाजिद कमेटी और अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने सख्त ऐतराज जताते हुए गेट लगाने का काम रुकवा दिया।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अस्थायी गेट लगाया जा रहा था। ताकि सावन के महीने में भक्तों को कोई परेशानी न हो। लेकिन अब गेट लगवाने का काम रुक गया है। दरअसल गेट लगाने के विरोध में मुस्लिम समुदाय धरने पर बैठ गया। मसाजिद कमेटी और अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने सख्त ऐतराज जताते हुए गेट लगाने का काम रुकवा दिया। हालांकि अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन कमेटी के लोगों ने कहा कि बिना आपसी सहमति के कोई भी नया काम नहीं हो सकता है।
बता दें गेट नंबर चार के पास अस्थायी गेट का निर्माण कराया जा रहा था। जबकि गेट लगाने का काम मजदूरों ने शुरू कर दिया था। वहीं इसकी जानकारी मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। उन्होंने गेट लगाने का विरोध शुरू कर दिया। हालांकि उनका विरोध देखकर अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने अधिकारियों की बात नहीं मानी।
ज्ञानवापी पर डटे मसाजिद कमेटी और इंतेजामिया
गौरतलब है कि विरोध की सूचना पर मंदिर के अधिकारी एवं पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। हालांकि मसाजिद कमेटी और इंतेजामिया कमेटी के पदाधिकारी गेट के पास ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद काम को रोक दिया गया है। जबकि इसको लेकर मुस्लिम पक्ष ने पूरी निर्माण सामग्री और अधूरे निर्माण कार्य को हटवाने की मांग की है। हालांकि अधिकारियों के द्वारा आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ, लेकिन मसाजिद कमेटी और इंतेजामिया कमेटी के पदाधिकारी ज्ञानवापी पर ही डटे रहे।
मुस्लिम पक्ष ने किया विरोध
दरअसल इसको लेकर शहर ए मुफ्ती डॉ. अब्दुल बातिन नोमानी ने बताया कि ज्ञानवापी क्षेत्र परिसर में कोई भी नया काम होगा तो इसमें मसाजिद कमेटी, अंजुमन इंतेजामिया और मंदिर न्यास की सहमति जरूरी होती है। हालांकि उन्होंने आगे बताया कि बृहस्पतिवार को सूचना मिली कि बिना किसी जानकारी मंदिर प्रशासन की ओर से गेट नंबर चार के पास गेट लगवाया जा रहा था। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष के द्वारा विरोध किया गया।
सुरक्षा की दृष्टिकोण से लगाया जा रहा था गेट
गौरतलब है कि इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि सुरक्षा की दृष्टि से यह गेट लगाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सावन के महीने में मंदिर में भक्तों की अत्याधिक भीड़ उमड़ रही है। इसलिए गेट नंबर 4 के पास नया गेट बनवाया जा रहा था। ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। लेकिन फिलहाल अधिकारियों ने गेट और निर्माण कार्य हटवाने का आश्वासन दिया है। इसको लेकर मुस्लिम समुदाय का कहना है कि जब तक गेट नहीं हटेगा हम लोग मसजिद में ही डटे रहेंगे
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