ग्रेटर नोएडा में मंदिर की घंटी से हो रहा ध्वनि प्रदूषण, निवासी ने की शिकायत, यूपीपीसीबी ने जारी किया नोटिस
ग्रेटर नोएडा में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। लेकिन यहां की एक सोसाइटी में मंदिर की घंटी बजाने पर ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। जो सुनकर काफी अटपटा भी लग सकता है। दरअसल मंदिर की घंटी से ध्वनि प्रदूषण की शिकायत मिलने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सौंदर्यम सोसायटी के एओए को नोटिस भेजा है।
ग्रेटर नोएडा में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां मंदिर में घंटी की आवाज से बहुत से लोगों को सुकून मिलता है। वहीं कहीं न कहीं मंदिर में घंटी बजाने को लेकर लोगों की आस्था जुड़ी होती है। लेकिन यहां की एक सोसाइटी में मंदिर की घंटी बजाने पर ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। जो सुनकर काफी अटपटा भी लग सकता है। दरअसल मंदिर की घंटी से ध्वनि प्रदूषण की शिकायत मिलने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सौंदर्यम सोसायटी के एओए को नोटिस भेजा है। जिसके जांच में पाया गया कि मंदिर की घंटी से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है।
ई-मेल कर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को की शिकायत
बता दें गौर सौंदर्यम सोसायटी में रहने वाले मुदित बंसल ने 30 जुलाई को ई-मेल के जरिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिकायत भेजी थी। जिसके बाद 5 अगस्त को यूपीपीसीबी ने मंदिर की घंटी से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का निरीक्षण किया था। हालांकि जांच के दौरान मंदिर की घंटी से 70 डेसिबल का शोर मिला। जिसके बाद सोसायटी के एओए को नोटिस जारी किया गया। वही इस नोटिस में कहा गया कि ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के प्राविधानों के अनुपालन सुनिश्चित किया जाए, जिससे लोगों को घंटी के शोर से समस्या नहीं होनी चाहिए।
यूपीपीसीबी का लेटर हो रहा वायरल
दरअसल यूपीपीसीबी की ओर से जारी किया गया लेटर सोशल मीडिया में वायरल हो गया, जिसके बाद से यूजर इस लेटर को लेकर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। वहीं इसको लेकर एक यूजर ने लिखा कि सनातनी हिंदूवादी योगी सरकार में अब मंदिर की घंटी पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ग्रेटर नोएडा कार्यालय से नोटिस जारी किया गया है। ऐसा तो शायद अन्य किसी देश के भी नहीं होता है या हुआ होगा हिंदुओं के साथ जैसा भाजपा की योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में हो रहा है।
लोगों ने अधिकारियों पर साधा निशाना
वही लोगों का तो यहां तक कहना है कि धर्म और आस्था राजनीति से ऊपर रखते हुए आप सभी से अपील है कि इस ट्वीट को अधिक से अधिक रिट्वीट करें, ताकि ऐसे मनमाने और बेतुके आदेश जारी करने वाले अधिकारियों को सही दिशा निर्देश मिल सकें। जबकि, एक अन्य ने लिखा है कि इतनी फुर्ती अगर सर्दियों में होने वाले दमघोंट प्रदूषण पर दिखाई होती, तो बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। वहीं इस मामले पर लोग अलग अलग तरीके से अधिकारियों पर निशाना साध रहे हैं।
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