भारत में छात्रों के सुसाइड के मामलें में हुई वृद्धि : एनसीआरबी के रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता, इन राज्यों में सबसे अधिक मामलें
भारत में छात्रों के सुसाइड करने के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में छात्रों की आत्महत्या की दर समग्र आत्महत्या प्रवृत्तियों की दर से भी अधिक है। जो काफी चौंकाने वाले हैं।
भारत में छात्रों के सुसाइड करने के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में छात्रों की आत्महत्या की दर समग्र आत्महत्या प्रवृत्तियों की दर से भी अधिक है। जो काफी चौंकाने वाले हैं। जहां आज कल छात्र किसी भी प्रेसर को हेंडल नहीं कर पाते हैं। जिससे परेशान होकर स्टूडेंट्स इस तरह का कदम उठाते हैं।
आत्महत्या संख्या में हर वर्ष 2 प्रतिशत बढ़ी
बता दें राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी कि एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार पर, छात्र आत्महत्याएं के मामले भारत में महामारी की तरह फैली है। वही 28 अगस्त को वार्षिक आईसी 3 सम्मेलन और एक्सपो 2024 में रिपोर्ट लॉन्च हुई। दरअसल इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल आत्महत्या संख्या में सालाना 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि छात्रों के सुसाइड के मामलों की 'कम रिपोर्टिंग' होने के बावजूद , इन मामलों में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
दो दशकों में महिला छात्रों के सुसाइड 4 प्रतिशत बढ़े
जबकि इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो दशकों में महिला छात्रों में सुसाइड के मामले में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जो आकड़े काफी चिंताजनक है, वहीं ये आकड़े राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। हालांकि साल 2022 में कुल छात्र आत्महत्याओं के मामले में 53 फीसदी लड़के थे। इसमें 2021 और 2022 के बीच 6 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि , महिला छात्रों में सुसाइड के मामले 7 प्रतिशत की दर से बढ़े हैं। जो काफी चौंकाने वाले हैं।
छात्रों की सुसाइड की घटनाएं जनसंख्या वृद्धि दर ज्यादा
हालांकि इस रिपोर्ट में बताया गया कि छात्रों की सुसाइड की घटनाएं, जनसंख्या वृद्धि दर और कुल आत्महत्या ट्रेंड से भी ज्यादा है। जबकि पिछले दस सालों में 0-24 वर्ष के बच्चों की आबादी 582 मिलियन से घटकर 581 मिलियन रह गई है।
लिस्ट में राजस्थान 10वें स्थान पर
बता दें एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक, जिन राज्यों में छात्रों के सुसाइड के मामलें सबसे अधिक सामने आए हैं उनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु हैं। वहीं इन राज्यों के आकड़े कुल आंकड़ें का एक तिहाई है। जबकि दक्षिणी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इन आंकड़ों में 29 प्रतिशत का योगदान देते हैं। वहीं इस लिस्ट में राजस्थान 10वें स्थान है। जहां पर कोटा अपने कोचिंग सेंटरों से जुड़े प्रेशर के लिए जाना जाता है। जबकि पिछले दिनों कोटा से काफी छात्रों के सुसाइड के मामले सामने आए थे। जो काफी चिंताजनक बात है। वही बोला तो यह भी जाता है छात्र प्रेशर में आकर ऐसा कदम उठाते हैं।
आंकड़े पुलिस में दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित
दरअसल एनसीआरबी के आंकड़े पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। गौरतलब है कि IC-3 एक एक स्वयंसेवी संगठन है जो गाइडेंस और ट्रेनिंग रिसोर्सेज के माध्यम से हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूट की मदद करता है। वहीं जिस तरह के छात्रों के आत्महत्या के आकड़े सामने आए हैं वो रोंगटे खड़े करने वाले हैं।
What's Your Reaction?