पीएम मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग का एक्शन, 29 अप्रैल तक दोनों पार्टियों को देना होगा जवाब
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में एक्शन लिया है। बता दें चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और राहुल गांधी के भाषण को लेकर भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी किया है।
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में एक्शन लिया है। बता दें चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और राहुल गांधी के भाषण को लेकर भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करते हुए चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल तक बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जवाब मांगा है। हालांकि दोनों पार्टियों ने चुनाव आयोग से इस मामलें में शिकायत की थी। दरअसल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की शिकायत की थी और बीजेपी ने राहुल गांधी की शिकायत की थी।
29 अप्रैल तक देना होगा जवाब
गौरतलब है कि पीएम मोदी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के आरोपों का पहली बार संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने बताया कि उसने भारतीय जनता पार्टी से विपक्षी पार्टियों के द्वारा दर्ज कराई शिकायतों पर जवाब देने को कहा है, जिनमें पीएम मोदी पर राजस्थान के बांसवाड़ा में विभाजनकारी और मानहानिजनक भाषण देने का आरोप लगाया गया है। हालांकि इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर भाजपा द्वारा दर्ज शिकायत पर भी विपक्षी दल से जवाब देने को कहा है।
बता दें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा में पीएम मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों के संबंध में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भाकपा की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतों पर जेपी नड्डा से 29 अप्रैल तक जवाब देने के लिए बोला है। चुनाव आयोग ने जेपी नड्डा से यह भी कहा कि वह पार्टी के सभी स्टार प्रचारकों से राजनीतिक विमर्श के उच्च मानक तय करने और आदर्श आचार संहिता का अक्षरत: पालन करने के लिए कहें।
आयोग ने पहली बार पीएम के खिलाफ शिकायत का संज्ञान
हालांकि इस पूरे मामले में अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार है कि चुनाव आयोग ने किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत का संज्ञान लिया हो। वहीं निर्वाचन आयोग ने स्टार प्रचारकों पर लगाम लगाने के पहले कदम के तहत पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधानों का इस्तेमाल किया है। हालांकि चुनाव आयोग ने ऐसा ही एक पत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भी लिखा है। जो उनके और राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है।
अध्यक्षों को लिखे गए पत्रों में किसी का नाम नहीं
दरअसल दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को लिखे गए पत्रों में चुनाव आयोग ने पीएम मोदी, राहुल गांधी या खरगे का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया है। लेकिन चिट्ठियों में उसे मिली शिकायतों को संलग्न किया गया है। जिनमें तीनों नेताओं के खिलाफ आरोपों का ब्यौरा है। चुनाव आयोग को की गई अपनी शिकायत में कांग्रेस ने कहा था कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में आरोप लगाया है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति मुसलमानों को बांटना चाहती है और विपक्षी पार्टी महिलाओं के मंगलसूत्र को भी नहीं छोड़ेगा।
वहीं दूसरी तरफ़ भाजपा ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में गांधी ने अपने भाषण के दौरान मोदी के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और पूरी तरह से भयावह आरोप लगाए। बीजेपी ने खरगे को लेकर यह दावा करने के लिए आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है कि उन्हें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के खिलाफ भेदभाव के कारण राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया
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