उत्तर प्रदेश में रुझानों में बीजेपी को झटका : इंडिया गठबंधन को मिला बहुमत, एनडीए ने रुझानों में जादुई आंकड़ा किया पार 

देश में लोकसभा चुनाव के मतगणना जारी है। हालांकि अब तक के शुरुआती रुझानों में बहुत ही चौकाने वाले आकड़े सामने आए हैं। लेकिन यूपी में रुझानों में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है।

Jun 4, 2024 - 12:27
उत्तर प्रदेश में रुझानों में बीजेपी को झटका : इंडिया गठबंधन को मिला बहुमत, एनडीए ने रुझानों में जादुई आंकड़ा किया पार 

पूरे देश में लोकसभा चुनाव के मतगणना जारी है। हालांकि अब तक के शुरुआती रुझानों में बहुत ही चौकाने वाले आकड़े सामने आए हैं। वही उत्तर प्रदेश में भी लोकसभा चुनावों की मतगणना जारी है। लेकिन यूपी में रुझानों में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। और समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की इंडिया गठबंधन को काफी अधिक फायदा मिलता देखा जा रहा है। दरअसल चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, समाजवादी पार्टी की सीटों में बड़ा इजाफा देखा जा रहा है। रुझानों में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को लगभग 42 सीटों पर मिलती दिख रही हैं, जबकि बीजेपी को लगभग 37 सीटों पर बढ़त देखी जा रही है। जो भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। 

अखिलेश और राहुल की रणनीति आई काम 

बता दें जब चुनाव की घोषणा हुई थी तब ऐसा लग रहा था कि राज्य में ऐसा लग रहा था जैसे बीजेपी का किसी के साथ कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन इस बार अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने मिलकर जो रणनीति बनाई। वो उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन को काम आ गया। इस रणनीति के सहारे दोनों नेता आगे बढ़े। हालांकि भाजपा ने इसकी पुरजोर आलोचना की। भाजपा की तरफ से लगातार इसके आरोप लगाए गए कि इसके पलहे भी विधानसभा चुनाव में उन दोनों लड़कों का साथ राज्य की जनता देख चुकी है। लेकिन अखिलेश यादव अपने धुन में पूरे विश्वास के साथ लगे रहे। 

 अखिलेश का चला PDA फॉर्मूला

अखिलेश यादव ने इस बार इस तरह से टिकट का बंटवारा किए जिसमें सभी जातियों का ध्यान रखा। वहीं इस अखिलेश यादव की लोकप्रियता काफी अधिक बढ़ गई। अखिलेश यादव ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों का पूरा खयाल रखा और मुस्लिम मतदाताओं का भरोसा जीतने में भी कामयाब हो गए कि भाजपा का विकल्प इंडिया ही दे सकता है। यही वज़ह रही कि इस चुनाव में मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने से बच गया।

आरक्षण का मुद्दा आया काम

पिछले कई चुनावों में यह ट्रेंड देखा गया कि बसपा का वोट भाजपा के पास चला जाता था, लेकिन अबकी बार कांग्रेस और सपा ने संविधान बचाने के लिए जो प्रचार किया उसमें वो काफी कामयाब हो गए हैं। वहीं देखा जा रहा है कि आरक्षण का मुद्दा जो राहुल गांधी ने उठाया था वो उन्हें काम आ गया। दरअसल भाजपा के कई नेता इस बार यह कहते हुए सुने गए कि संविधान बदलने के लिए 400 पार जरूरी है। हालांकि इस वक़्त के रुझानों में एनडीए 400 के आकड़ों में काफी दूर है। बता दें लेकिन रुझानों में बीजेपी ने बहुमत का आकड़ा पार कर लिया है। अगर यह आकड़ा नतीजों में तब्दील हुआ तो देश में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनती हुई दिख रही है।

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