69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मायावती बोली सरकार अपनाए ईमानदार रुख
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इसके बाद से ही राजनीति भी शुरू हो गई है। अलग अलग राजनीति पार्टी अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं अब इस मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इसके बाद से ही राजनीति भी शुरू हो गई है। अलग अलग राजनीति पार्टी अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं अब इस मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल इसको लेकर उन्होंने बोला है कि सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रुख अपनाए। ताकि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होनी चाहिए। आइए जानते हैं कि आगे इसको लेकर बसपा सुप्रीमों ने और क्या क्या कहा है।
मायावती ने एक्स पर किया पोस्ट
दरअसल इसको लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। आगे उनका कहना है कि उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। इसके साथ ही सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रुख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए।
25 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इसको लेकर सुप्रिम कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के अनुसार, मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था। हालांकि हाई कोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। जबकि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुप्रिम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। हालांकि अब इस मामले सुप्रीम कोर्ट में 25 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।
सूची रद्द कर नई सूची बनाने का दिया निर्देश
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। जबकि इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था। वहीं सरकार और अन्य संबंधितों को आदेश दिया गया कि तीन महीने के अंदर नई सूची जारी कर दी जाए। हालांकि हाई कोर्ट ने सुनवाई में आगे कहा गया था कि नई चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। वहीं अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।
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