यूपी में बीजेपी को मिली हार के बाद सीएम योगी ने चर्चा के लिए बुलाई मंत्रियों की बैठक गायब दिखे दोनों डिप्टी सीएम,इस बात की चर्चा शुरू
लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। उन्हीं पर समीक्षा करने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक अहम बैठक बुलाई थी। लेकिन प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम गायब दिखे। जाने वजह
इस बार के लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। एक तरफ बीजेपी जहां पूरे देश में 400 से ज्यादा सीट जितने का दावा कर रहीं थीं, तो पार्टी ने यूपी में 80 सीटें जीतने का टारगेट रखा गया था और लेकिन यहां महज 33 सीटें ही बीजेपी जीत पाई। बीजेपी के हार के कई कारण हैं, उन्हीं पर समीक्षा करने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक अहम बैठक बुलाई थी। बता दें बैठक में सरकार के सभी मंत्री शामिल हुए, लेकिन प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य गायब दिखे। जिसके बाद से कई सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं।
योगी की बैठक से दोनों डिप्टी सीएम ने बनाई दूरी
जहां इस अहम मीटिंग में दोनों डिप्टी सीएम का नहीं आना चर्चा का विषय बन गया, वहीं सभी के मन में यह सवाल आने लगे कि चुनावी हार के बाद ऐसा क्या हुआ जिससे सीएम योगी की बैठक से ही दोनों डिप्टी सीएम ने दूरी बना ली? दरअसल मिली जानकारी के अनुसार बताया तो यह भी जा रहा है कि इस समय केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक राजधानी दिल्ली में मौजूद हैं। इसलिए इस मीटिंग में नहीं पहुंच पाए। वहां दोनों डिप्टी सीएम की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात हुई है। जबकि दूसरी तरफ देखा जाए तो यूपी में इस वक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिर पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं।
सीएम ने अधिकारियों के साथ की मीटिंग
बता दे सीएम ने मंत्रियों से मुलाकात करने से पहले उन्होंने अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की थी। जिस मीटिंग में इस बात पर मंथन हुआ, जनता तक हर योजना पहुंच सके। हालांकि अब शुरुआती समीक्षा के बाद कहा तो यह भी जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लचर प्रदर्शन के कई महत्वपूर्ण कारण हैं। जिसमें सबसे पहले सांसदों के खिलाफ नाराजगी से लेकर सपा के पीडीए फॉर्मूले से बने समीकरण तक है , हालांकि ऐसे कई मुद्दे शामिल हैं, जिसकी वज़ह से राज्य में इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी का खराब प्रदर्शन रहा।
बीएसपी के कारण भी बीजेपी को हुआ नुकसान
गौरतलब है कि एक वज़ह यह भी है कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी के कारण भी कई सीटों पर इस बार समाजवादी पार्टी से अधिक बीजेपी को नुकसान हुआ है। वहीं इस बार दलित और ओबीसी वोटबैंक बीजेपी की जगह इंडिया गठबंधन की तरफ शिफ्ट कर गया। हालांकि चर्चा तो इस बात की भी चल रही है कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी अंदरखाने पार्टी को ही कमजोर करने का काम किया है, वहीं बताया यह भी जा रहा है इस बार जमीन पर कार्यकर्ता उतरे ही नहीं है, उस वजह से भी बीजेपी को उत्तर प्रदेश में इतनी बड़ी हार में देखने को मिली है।
जेडीयू और टीडीपी को 3-3 दिए जा सकते हैं मंत्रालय
दरअसल उत्तर प्रदेश या फिर अन्य राज्य में बीजेपी को तमाम झटकों के बावजूद भी केंद्र में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है। कल यानी कि 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ लेने जा रहे हैं। हालांकि शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने की तैयारियां भी चल रही है। जिसके लिए पड़ोसी देशों से मेहमान भी आने शुरू हो गए हैं। वही इस समय चर्चा है कि जेडीयू और टीडीपी को 3-3 मंत्रालय दिए जा सकते हैं, कहा तो यह भी जा रहा है कि बड़े मंत्रालय बीजेपी अपने पास ही रख सकती है।
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