मैनपुरी से मायावती ने बढ़ाई अखिलेश की परेशानी : इस दिग्गज को उतारा डिंपल के सामने होगी कांटे की टक्कर
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दल चुनावी रणनीति के साथ ही मुद्दों पर भी लगातार बात कर रहे हैं। वहीं चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी कर रहें हैं। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी ने अपनी 5वीं लिस्ट जारी कर दिया हैं। इसमें 11 लोकसभा सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दल चुनावी रणनीति के साथ ही मुद्दों पर भी लगातार बात कर रहे हैं। वहीं चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी कर रहें हैं। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी ने अपनी 5वीं लिस्ट जारी कर दिया हैं। इसमें 11 लोकसभा सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं। इसके साथ ही बीएसपी ने मैनपुरी सीट से प्रत्याशी को बदल दिया है। जिससे ऐसा लगता है डिम्पल यादव को भी बड़ी चुनौती मिल सकती है।
गौरतलब है कि बीएसपी ने अब यहां से शिव प्रसाद यादव को मौका दिया है। इससे पहले बीएसपी ने गुलशन देव शाक्य को टिकट दिया था। वहीं अगर इस सीट की बात की जाए तो बताया जा रहा है कि इस सीट पर यादव मतदाता ज्यादा है, ऐसे में समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दरअसल यहां से सपा ने मौजूदा सांसद डिंपल यादव को टिकट दिया और बीजेपी ने यूपी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि बसपा ने जिस तरह से चुनाव नजदीक आते ही कैंडिडेट का बदलाव किया है। उससे जाहिर सी बात है अब अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ने वाली है।
बसपा ने मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश
बता दें कि मायावती ने वाराणसी लोकसभा सीट पर भी अपनी रणनीति बदल दी है। वाराणसी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता और पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में हैं। हालांकि पीएम के सामने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय I.N.D.I.A. गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। ऐसे में बसपा की ओर से अतहर जमाल लारी को चुनावी मैदान में उतारा जाना विपक्षी गठबंधन की ही चुनौती बढ़ाएगा। बसपा ने जमाल के जरिए मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश की है। ये बोलना भी गलत नहीं होगा कि इससे कांग्रेस-सपा गठबंधन के उम्मीदवार के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली है।
मायावती ने इन प्रत्याशियों को दिया टिकट
बतातें चलें कि मायावती ने जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बलिया से भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर के सामने लल्लन सिंह यादव को टिकट दिया है।गाजीपुर से डॉ. उमेश कुमार सिंह को उतारा है। यहां से सपा ने अफजाल अंसारी और भाजपा ने पासनाथ राय को टिकट दिया गया है।
हालांकि डुमरियागंज से बीजेपी प्रत्याशी जगदंबिका पाल के सामने ख्वाजा समसुद्दीन को टिकट दिया है। वहीं सुल्तानपुर से उदराज वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। यहां से भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी हैं। इसके अलावा बरेली से छोटेलाल गंगवार, फर्रुखाबाद से क्रान्ति पांडेय और बांदा से मयंक द्विवेदी को उतारा है।
सपा का गढ़ है मैनपुरी
बता दें कि मैनपुरी लोकसभा सीट को सपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है। वहीं समाजवादी पार्टी परिवार के लिए यह सीट बेहद खास है। क्योंकि साल 1996 के बाद से मैनपुरी में लगातार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ही जीतते आ रहे हैं। इस सीट से तीन बार मुलायम सिंह यादव ने चुनाव जीता और उनके सीट छोड़ने पर हुए दो बार उप-चुनाव में एक बार उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव और एक बार उनके पोते तेज प्रताप यादव ने जीत हासिल की थी।
दरअसल साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर से मैनपुरी से सांसद चुने गए थे । हालांकि इसके बाद मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया था, जिसके बाद हुए उपचुनाव में उनकी बड़ी बहू डिंपल यादव यहां से सांसद चुनी गई। हालांकि देखने वाली बात होगी कि इस लोकसभा चुनाव में बसपा और बीजेपी के उम्मीदवार डिंपल यादव को टक्कर दे पाते हैं या नहीं।
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