नोएडा में सुपरटेक बिल्डर का सुपरनोवा प्रोजेक्ट अटका : इस वजह से कंपनी हुई दिवालिया घोषित, हजारों घर खरीदार फंसे

नोएडा के सुपरटेक कंपनी की ओर से तैयार की जाने वाली 80 मंजिला बिल्डिंग को दिवालिया घोषित कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि कंपनी पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 700 करोड़ बकाया था। यह देश की सबसे ऊंची इमारत में से एक बन रही थी। जिसमें 70 मंजिल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका था।

Jun 15, 2024 - 10:28
नोएडा में सुपरटेक बिल्डर का सुपरनोवा प्रोजेक्ट अटका : इस वजह से कंपनी हुई दिवालिया घोषित, हजारों घर खरीदार फंसे

नोएडा में फ्लैट खरीदारों हजारों लोगों को बड़ा झटका लग गया है। जहां लोग इस बड़ी कंपनी की इमारत में अपने सपनों का घर देखने का इंतजार कर रहे थे। बता दें अब ये बड़ी कंपनी बैंक के द्वारा दिवालिया घोषित कर दी गई है। दरअसल नोएडा के सेक्टर-94 स्थित सुपरटेक कंपनी की ओर से तैयार की जाने वाली 80 मंजिला बिल्डिंग को दिवालिया घोषित कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस कंपनी पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 700 करोड़ बकाया था। बताया तो यह भी जा रहा है कि यह देश की सबसे ऊंची इमारत में से एक बन रही थी। जिसमें 70 मंजिल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका था। हालांकि जब दिवालिया घोषित होने के कारण निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है। बता दें कि इमारत में कई मशहूर लोगों ने अपना घर बुक किया हुआ है। हालांकि देखने वाली बात होगी कि कंपनी को दिवालिया घोषित करने के बाद निवेशकों को राशि भुगतान की जाती है, या उन्हें उनका घर मिलता है। 

 168.04 करोड़ भुगतान नहीं करने का है आरोप

बता दें नोएडा के सुपरनोवा परियोजना पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने इस लग्जरी आवासीय और वाणिज्यिक परियोजना के लिए दिवालिया प्रक्रिया को स्वीकार कर लिया है। दरअसल बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से दायर याचिका के बाद यह कदम उठाया गया है। जिसमें डेवलपर सुपरटेक पर 168.04 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया गया था। जिसके एवज में उसने एनसीएलटी में याचिका दायर की थी।
दरअसल सुपरनोवा परियोजना को 2012 में शुरू किया गया था, जो नोएडा की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इसे भारत की सबसे बड़ी मिश्रित उपयोग वाली परियोजना के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जो लगभग 50 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें चार प्रमुख टावर शामिल हैं, जिनमें स्पाइरा 80 मंजिला और 300 मीटर ऊंचा टावर भारत का सबसे ऊंचा मिश्रित उपयोग वाला प्रोजेक्ट बनने की उम्मीद कर रहा था। हालांकि, परियोजना के वित्तीय पहलू चिंता का विषय बन गए हैं।

नोएडा प्राधिकरण का 2100 करोड़ बकाया

बता दें सुपरटेक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 735.58 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मांगी थी, जिसमें से 150 करोड़ रुपये बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने दिए थे। लेकिन कंपनी इस ऋण का भुगतान करने में असफल रही। जिसकी वजह से बैंक को अपना बकाया वसूल करने के लिए एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इतना ही नहीं बल्कि इस परियोजना पर नोएडा प्राधिकरण का भी 2100 करोड़  से अधिक का बकाया है। वहीं नोएडा प्राधिकरण भी अपना बकाया वसूल करने के लिए योजना तैयार कर रही है। 

आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट का हुआ शिकार

गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट में दो हजार से अधिक लोग घर खरीददार हैं, मिली जानकारी के मुताबिक अब तक केवल एक हजार को ही कब्जा मिला पाया है। जबकि इस पूरे मामले में सुपरटेक ने अपना बचाव करते हुए बोला कि वह वित्तीय संकट और आर्थिक मंदी का शिकार हुआ है। इसके साथ ही कंपनी ने 2010-2015 के दौरान भूमि अधिग्रहण विवादों का भी हवाला दिया, जिसने उनका व्यवसाय प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ। हालांकि अब यह देखना  य़ह होगा कि क्या यह कदम इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पटरी पर लौटा पाएगा, या फिर यह नोएडा के विकास के सपने के लिए एक बहुत बड़ा झटका साबित होगा। वही जो लोग इस टावर में अपने घर का सपना देख रहे थे। फिलहाल उन्हें भी बड़ा झटका लगा है।

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