प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़कर चुनावी मैदान में करने जा रही हैं डेब्यू, समझिए प्रियंका की एंट्री से कांग्रेस को क्या लाभ होगा
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अब चुनावी मैदान में डेब्यू करने जा रही हैं, प्रियंका गांधी सक्रिय रूप से चुनावी राजनीति में एक्टिव दिखेंगी। दरअसल कांग्रेस पार्टी ने यह ऐलान किया है कि प्रियंका वायनाड से उपचुनाव लड़ने जा रहीं हैं।
जिस पल का कांग्रेस पार्टी को और पार्टी के समर्थक को ना जाने कब से इंतजार था।। दरअसल कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अब चुनावी मैदान में डेब्यू करने जा रही हैं, पिछले काफी सालों से प्रियंका गांधी राजनीति में सक्रिय थी। लेकिन उनका रोल पर्दे के पीछे का था। अब प्रियंका गांधी सक्रिय रूप से चुनावी राजनीति में एक्टिव दिखेंगी। दरअसल कांग्रेस पार्टी ने यह ऐलान किया है कि प्रियंका वायनाड से उपचुनाव लड़ने जा रहीं हैं। जाहिर सी बात है अगर प्रियंका वायनाड से यह चुनाव जीत जाती हैं, कांग्रेस के लिए हर मायने से फायदे की स्थिति रहने वाली है। अब आपको बताते हैं प्रियंका के चुनावी डेब्यू करने से कांग्रेस को क्या लाभ मिल सकता है।
एक बात तो साफ है कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत काफी अहम है। अगर चुनावी नजरिए से समझा जाए तो पार्टी वर्तमान में भी सबसे ज्यादा सीटें दक्षिण के राज्यों से हासिल करती है। लेकिन अभी तक राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के पास कोई दूसरा बड़ा गांधी परिवार का चेहरा मौजूद नहीं था। लेकिन अगर प्रियंका वायनाड से चुनाव जीत जाती हैं, उस स्थिति में पूरे केरल के साथ-साथ दक्षिण भारत में इसका असर देखने के लिए मिल सकता है। वहीं वायनाड को सिर्फ कांग्रेस की सुरक्षित सीट नहीं कहा जा सकता है, ब्लकि यहां की जनता का कांग्रेस और गांधी परिवार से भावनात्मक रिश्ता जुड़ा हुआ है।
दक्षिण को बचाए रखना कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी
यही वजह है कि प्रियंका गांधी को भी वायनाड से अपार समर्थन मिल सकता है। वायनाड की जनता का समर्थन से फिर कांग्रेस को खड़ा करने में मदद कर सकता है। प्रियंका की 2024 के चुनाव में मेहनत किसी से छिपी हुई नहीं है, उनके प्रचार ने पार्टी को काफी फायदा पहुंचाया है। बोला तो यह भी जा रहा है उन्हीं के बदोलत कांग्रेस अमेठी और रायबरेली में जीत हासिल कर पाई। इसके ऊपर अगर दक्षिण भारत में कांग्रेस का प्रदर्शन देख लिया जाए, कहना गलत नहीं होगा यहां पर पार्टी का प्रदर्शन शानदार है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस को 42 सीटें दक्षिण से मिली है। जबकि पिछली बार यानी कि 2019 महज 29 सीटें जीती थीं और 2014 में मात्र 19 सीटों पर यहां से पार्टी जीत दर्ज कराने में कामयाब रही थी। ऐसे में दक्षिण को बचाए रखना कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है वहीं इस वक़्त की स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है गांधी परिवार का ही कोई सदस्य यह काम कर सकता है।
प्रियंका केरल में एक्स फैक्टर के रूप में उभर सकती है
दरअसल केरल में कांग्रेस पार्टी इस समय काफी ताकतवर हो गई है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में केरल की 20 सीटों में से 17 पर सीटों पर कांग्रेस-यूडीएफ ने जीत का परचम लहराया था। हालांकि 2026 में केरल में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसको लेकर जानकार मान की माने तो लेफ्ट के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी हावी रहने वाली है, ऐसे में कांग्रेस के पास कमबैक करने का एक शानदार मौका है। इस बार पार्टी के लिए यह मौका इसलिए भी खास बन जाता है, क्योंकि बोला जा रहा है प्रियंका गांधी केरल में एक्स फैक्टर के रूप में उभर सकती हैं।
हर कोई इस बात से वाकिफ है देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश जहां पर कांग्रेस पूरी तरह पस्त हो चुकी थी, वहां पर अपनी चुनावी मैनेजमेंट से और अपनी राजनीति सूझ बुझ से प्रियंका ने काफी स्थिति बदली है, ऐसे में अब जब केरल की राजनीति में वे सक्रिय हो रहीं हैं, ऐसे में प्रियंका गांधी का प्रचार-प्रसार पार्टी को काफी लाभ पहुंचा सकता है।
प्रियंका ने दिया था नारा - लड़की हूं लड़ सकती हूं
जहां कांग्रेस को एक दमदार महिला चेहरे की तलाश काफी वक़्त से थी। कांग्रेस वह पार्टी है जिसने इंदिरा गांधी जैसी नेता देखी है, जिसने सोनिया गांधी की लीडरशिप में कई जीत का स्वाद भी चखा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में चुनावी राजनीति में कांग्रेस की तरफ से कोई बड़ा महिला चेहरा नहीं दिखा है। लेकिन अब अगर प्रियंका गांधी वायनाड से जीत जाती हैं, कांग्रेस को गांधी परिवार से एक मजबूत महिला चेहरा मिलने वाला है। यह नहीं भूलना चाहिए कि यूपी के चुनाव के वक्त प्रियंका ने ही नारा दिया था- लड़की हूं लड़ सकती हूं। अब कांग्रेस ने उस नारे को साकार करने का काम कर दिया है। प्रियंका का चुनावी डेब्यू महिला वोटरों के बीच में भी तगड़ा मैसेज लेकर जाएगा। हालांकि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के बीच प्रियंका गांधी काफी सक्रिय है।
राहुल गांधी ने खुद को किया साबित
गौरतलब है कि राजनीतिक जानकार ऐसा मानते हैं कि प्रियंका के चुनावी डेब्यू में इतना समय इसलिए लग गया क्योंकि पहले राहुल गांधी को सियासी रूप से स्थापित करना जरूरी था।कांग्रेस पार्टी के अंदर में भी एक धड़ा ऐसा मानता है कि राहुल की तुलना में प्रियंका गांधी ज्यादा आक्रमक अंदाज में राजनीति कर सकती हैं। ऐसे में पूरी संभावना थी कि राहुल की राजनीति पर प्रियंका की सियासत हावी हो जाती। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। राहुल गांधी ने खुद को साबित कर दिया है, हाल ही में चुनाव में उनके उठाए मुद्दों ने जनता के साथ कनेक्ट बैठाया है, उनका अपना अंदाज चर्चा में रहा है।
पार्टी में बढ़ सकता है प्रियंका का कद
ऐसे में अब प्रियंका गांधी का वक्त आ चुका है, वे भी चुनावी राजनीति में कूद सकती हैं। उस स्थिति में उनकी और राहुल गांधी की ताकत एक समान हो जाएगी। तब राहुल पर निर्भरता कम होगी और कई मामलों में प्रियंका ही अहम रोल निभाती दिख सकती हैं। पार्टी में उनका कद पहले की तुलना में बढ़ सकता है। वैसे भी बताया जाता है कि कांग्रेस को कई बार मुश्किल स्थिति से निकालने में प्रियंका ने अहम योगदान दिया है। बात चाहे हाल में यूपी में अखिलेश संग गठबंधन पर सहमति करना हो या फिर कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार को गिराने से बचाना हो, प्रियंका ने आगे से लीड किया है।
प्रियंका गांधी के चुनावी डेब्यू से पार्टी होगी मजबूत
अगर प्रियंका गांधी चुनावी डेब्यू में ही जीत हासिल कर लेती हैं, कांग्रेस पार्टी के लिए लोकसभा में स्थिति काफी मजबूत बन जाएगी। आगामी चुनाव में पहले ही मजबूत प्रदर्शन कर खुद की उपस्थिति जोरदार तरीके से सदन में पार्टी महसूस करवाने वाली है, उसके ऊपर अगर प्रियंका गांधी का भी साथ मिल गया तो बीजेपी की राह इस बार आसान नहीं रहने वाली है। पिछले कुछ सालों में राहुल गांधी ही अकेले पीएम मोदी को निशाने पर लेने का काम कर रहे थे, अडानी-अंबानी का लगातार मुद्दा उठाते रहे हैं। और भी कई मुद्दों पर राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसने का मौका नहीं छोड़ते हैं। लेकिन प्रियंका के साथ आ जाने से कई दूसरे मुद्दों पर भी बहस होती दिख सकती है। इसके साथ ही कांग्रेस और मजबूत तरीके से चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती है।
What's Your Reaction?