Lok sabha Election 2024: मिशन-370 के लिए मोदी की 'बूथ प्रबंधन पाठशाला', वोट बढ़ाने का मंत्र दे रहे हैं प्रधानमंत्री
Lok sabha Election 2024: मिशन-370 के लिए मोदी की 'बूथ प्रबंधन पाठशाला', वोट बढ़ाने का मंत्र दे रहे हैं प्रधानमंत्री
लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को 370 सीटों पर पहुंचाने का लक्ष्य तय करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह मंत्र भी पहले ही दे चुके कि इसके लिए हर बूथ पर पिछले लोकसभा चुनाव से 370 वोट अधिक प्राप्त करने होंगे।इसके लिए सारा दारोमदार उन्होंने कार्यकर्ताओं पर नहीं छोड़ा बल्कि वृहद स्तर पर एक तरह से बूथ प्रबंधन की कमान भी खुद संभाले दिखाई दे रहे हैं।
नई दिल्ली। तमिलनाडु के नमक्कल क्षेत्र के बूथ अध्यक्ष एस.मोहन के मुंह से निकला ही था कि यहां ड्रग्स तस्करी का मुद्दा बन रहा है और अगले ही पल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रणनीति समझा दी कि वहां सत्ताधारी डीएमके को कैसे घेरना है। केरल की चुनौतियां दिमाग में रखे मोदी ने समझाया कि हर दिन आधे घंटे बूथ पर झंडा लेकर नारा लगाओ तो माहौल बन सकता है, वहीं बिहार के लिए उनके पास अलग चुनावी मंत्र था।
भाजपा को 370 सीटों पर पहुंचाने का लक्ष्य तय
लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को 370 सीटों पर पहुंचाने का लक्ष्य तय करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह मंत्र भी पहले ही दे चुके हैं कि इसके लिए हर बूथ पर पिछले लोकसभा चुनाव से 370 वोट अधिक प्राप्त करने होंगे। मगर, इसके लिए सारा दारोमदार उन्होंने कार्यकर्ताओं पर ही नहीं छोड़ा, बल्कि वृहद स्तर पर एक तरह से बूथ प्रबंधन की कमान भी खुद संभाले दिखाई दे रहे हैं।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद करने वाले पीएम मोदी ने इससे पहले हाल ही में तमिलनाडु, केरल और बिहार के अलावा अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बूथ कार्यकर्ताओं से भी वर्चुअल संवाद किया। इन सारे कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए बेशक कुछ बिंदु समान रहे हों, लेकिन अलग-अलग राज्यों के हिसाब से अलग रणनीति भी सामने आई।
संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य की रिपोर्ट ही काफी
अव्वल तो पीएम मोदी मतदाता से सीधे जुड़े इन जमीनी कार्यकर्ताओं से संवाद के सहारे भाजपा के साथ ही विपक्षी दलों की स्थिति और चर्चा में चल रहे मुद्दों को समझने का प्रयास कर रहे हैं। फिर चुनावी मंत्र दे रहे हैं कि भाजपा कैसे बढ़ेगी और विपक्ष को कैसे घेर सकते हैं। रणनीति उसी के अनुसार है कि संबंधित राज्य में भाजपा मजबूत है या कमजोर।
उदाहरण के तौर पर, अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कार्यकर्ताओं से पीएम ने यही कहा कि दस वर्ष के बदलाव की तस्वीर जनता को दिखाएं। वह मान रहे हैं कि उनके संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य की रिपोर्ट ही काफी है। वहीं, उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के कार्यकर्ताओं से बात की तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में मजबूत हुई कानून व्यवस्था की ब्रां¨डग के अलावा सपा के परिवारवाद पर प्रहार रणनीति में शामिल है।
बिहार की राजनीतिक परिस्थितियां अलग
बिहार की राजनीतिक परिस्थितियां अलग हैं तो वहां रणनीति और पैनी है। पीएम मोदी ने समझाया कि नए मतदाताओं को नहीं पता होगा कि राजद जब सत्ता में था, तब बिहार में क्या हालात थे, इसलिए बुजुर्ग कार्यकर्ताओं को बुलाकर उनसे नए मतदाताओं के बीच अनुभव सुनवाएं कि तब कैसे जंगलराज था। महिलाएं घर से नहीं निकल पाती थीं। वहीं, तमिलनाडु के कार्यकर्ताओं से कहा कि डीएमके के खिलाफ जितने भी मुद्दे हैं, उनकी सूची बनाकर मतदाताओं के घर जाकर संपर्क करें और समझाएं। दरअसल, वहां भाजपा को इस बार कुछ बढ़त की उम्मीद भी है।
शक्ति के मुद्दे पर शक्ति लगाएगी भाजपा
पीएम मोदी ने यह भी साफ कर दिया कि शक्ति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जो टिप्पणी की थी, उसे कैसे चुनाव में चर्चा में रखना है। राहुल की टिप्पणी याद दिलाने के साथ ही बिहार और उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि नवरात्रि में शक्ति की आराधना करनी है।
महिलाओं से अभियान चलाकर संपर्क और संवाद करना है। तीसरी पारी, 370 सीट और तीन-तीन कार्यकर्ता पीएम मोदी की नजर तीसरी पारी में 370 सीटें जीतने पर है तो तीन-तीन कार्यकर्ताओं वाली अलग रणनीति भी समझा रहे हैं। लगभग सभी संवादों में उन्होंने कहा है कि हर बूथ पर तीन-तीन कार्यकर्ताओं की टीम बनाएं। हर टीम को दस परिवारों की जिम्मेदारी सौंप दें कि उन परिवारों से मतदान तक जरूर प्रतिदिन संपर्क-संवाद करें।
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