ग्रेटर नोएडा में तीन साल में पूरी होगी 7,000 करोड़ की लागत से लॉजिस्टिक हब परियोजना, IITGNLने कंपनियों से मांगे सुझाव
डी एम आई सी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) परियोजना अपने रूप में आने की तरफ एक कदम और बढ़ी है। इस परियोजना का टेंडर डॉक्यूमेंट फाइनल करने के लिए बृहस्पतिवार को मार्केट साउंडिंग बैठक बुलाई गई। जिस बैठक में पब्लिक नोटिस के माध्यम से इक्षुक प्राइवेट डेवेलपर्स को आमंत्रित किया गया था।
ग्रेटर नोएडा! डी एम आई सी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) की मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) परियोजना अपने रूप में आने की तरफ एक कदम और बढ़ी है। दरअसल इस परियोजना का विकास पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर किया जाना है। वहीं इस परियोजना का टेंडर डॉक्यूमेंट फाइनल करने के लिए बृहस्पतिवार को मार्केट साउंडिंग बैठक बुलाई गई। जिस बैठक में पब्लिक नोटिस के माध्यम से इक्षुक प्राइवेट डेवेलपर्स को आमंत्रित किया गया था।
पंद्रह कंपनियों के प्रतिनिधि हुए शामिल
बता दें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में संपन्न हुई इस बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कार्य करने वाली करीब पंद्रह कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। वहीं इनके सामने परियोजना का विकास करने हेतु प्राइवेट डेवेलपर के चयन करने के लिए तैयार की जा रहे टेंडर डॉक्यूमेंट और कन्सेशनर एग्रीमेंट पर प्रस्तुतीकरण किया गया। हालांकि इस संबंध में उनके प्राधिकरण के द्वारा सुझाव मांगे गए । जबकि इनके सुझावों को टेंडर डॉक्यूमेंट में शामिल कर आईआईटीजीएनएल की बोर्ड के समक्ष अनुमोदन हेतु रखा जाएगा। बोर्ड से अनुमोदन लेकर टेंडर डॉक्यूमेंट को भारत सरकार के अनुमोदनार्थ भेजा जाएगा। वहां से अनुमोदन के पश्चात् इस साल के अंत तक परियोजना के विकासकर्ता का चयन करने के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी है।
लॉजिस्टिक हब परियोजना का विकास कार्य दो चरणों में होगा
बता दें दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मद्देनजर उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की ओर से ग्रेटर नोएडा के दादरी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। वहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। हालांकि मुंबई, गुजरात में स्थित पोर्ट पर फिलहाल उद्योगों का माल जाने में चार से पांच दिन लगता है। इसके शुरू होने के बाद माल एक दिन में पहुंच पाएगा। वहीं करीब 7500 करोड़ रुपये की लॉजिस्टिक हब परियोजना का विकास कार्य दो चरणों में होगा।
3 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का होगा निर्माण
दरअसल बाह्य कार्यों (इंफ्रास्ट्रक्चर) को आईआईटीजीएनएल पूरा कराएगा, जिसमें डी एफ सी सी से रेल कनेक्टिविटी, रेल यार्ड एवं लॉजिस्टिक हब को आसपास के प्रमुख मार्गों से रोड कनेक्टीविटी और अन्य कार्य होंगे। हालांकि इन कार्यों पर लगभग 2500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें न्यू दादरी रेलवे स्टेशन से एमएमएलएच तक करीब 3 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य भी शामिल है। वहीं एमएमएलएच में 16 प्लेटफॉर्म होंगे, जिनसे उद्योगों का सामान आसानी से मालगाड़ियों में लोड हो पाएगा और अपने गंतव्य तक कम समय में पहुंच पाएगा।
आतंरिक विकास पर करीब 5,000 करोड़ होगा खर्च
गौरतलब है कि आंतरिक विकास कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी टेंडर प्राप्त करने वाली निजी कंपनी पर होगी। वहीं निजी विकासकर्ता कंपनी द्वारा एमएमएलएच के आतंरिक विकास कार्यों पर करीब 5,000 करोड़ रुपये खर्च होगा। हालांकि एमएमएलएच में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब 50 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होंगे। बता दें इस बैठक में आईआईटीजीएनएल के एमडी एनजी रवि कुमार, निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग और श्रीलक्ष्मी वीएस, महाप्रबंधक लीनू सहगल, सीएफओ अभिषेक जैन,एनआईसीडीसी के सीएफओ प्रदीप और कई कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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