ग्रेनो प्राधिकरण ने कूड़े को प्रोसेस कर उपयोगी उत्पाद बनाने पर  मांगा आइडिया, 8 कंपनियों ने शेयर किया आइडिया  

ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े को शत-प्रतिशत प्रोसेस कर जरूरी उत्पाद बनाने के लिए प्राधिकरण प्रयासरत है। घरेलू कूड़े को प्रोसेस कर क्या-क्या उत्पाद बनाए जा सकते हैं, प्राधिकरण ने ईओआई निकालकर इस पर कंपनियों से आइडिया  मांगा था। जिसके बाद 8 कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया। अब प्राधिकरण इन आइडियाज का अध्ययन कर आरएफपी निकालेगा और कंपनियों का चयन कर काम शुरू कराएगा

Aug 6, 2024 - 18:29
ग्रेनो प्राधिकरण ने कूड़े को प्रोसेस कर उपयोगी उत्पाद बनाने पर  मांगा आइडिया, 8 कंपनियों ने शेयर किया आइडिया  
प्राधिकरण ने कूड़े को प्रोसेस कर उपयोगी उत्पाद बनाने पर  मांगा आइडिया

ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े को शत-प्रतिशत प्रोसेस कर जरूरी उत्पाद बनाने के लिए प्राधिकरण प्रयासरत है। घरेलू कूड़े को प्रोसेस कर क्या-क्या उत्पाद बनाए जा सकते हैं, प्राधिकरण ने ईओआई निकालकर इस पर कंपनियों से आइडिया  मांगा था। जिसके बाद 8 कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया। अब प्राधिकरण इन आइडियाज का अध्ययन कर आरएफपी निकालेगा और कंपनियों का चयन कर काम शुरू कराएगा।

आठ कंपनियों ने लिया हिस्सा 

गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की मंशा है कि ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े को शत-प्रतिशत प्रोसेस किया जाए। वही उससे जरूरी उत्पाद बनाकर उपयोग में लाया जाए सके। इसके लिए उपलब्ध सभी पद्धतियों का अध्ययन कर अपनाने की सीख दी है, ताकि ग्रेटर नोएडा को प्रदेश का नहीं ब्लकि देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाया जा सके। यहां भविष्य में भी कूड़े के ढेर की समस्या न झेलना पडे़। इसके लिए सीईओ के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने ईओआई निकाले थे, जिसमें आठ कंपनियों ने भाग लिया है।

अलग अलग कंपनी ने रखी अपनी बात 

दरअसल इन कंपनियों ने सोमवार और मंगलवार को अपने प्रस्तुतिकरण के जरिए सुझावों को प्राधिकरण के सामने शेयर किया। जबकि इस दौरान एक कंपनी ने आइडिया दिया कि गोबर को प्रोसेस कर ब्रिकेट्स बनाएगी। इसका इस्तेमाल कोयले के विकल्प के लिए किया जा सकता है। एक कंपनी का सुझाव है कि कूड़े को प्रोसेस कर बायोगैस बनाया जाएगा। एक कंपनी ने ब्लैक सोल्जर फ्लाई लार्वा (एक विशेष प्रकार की मक्खी) के जरिए गीले कूड़े से प्रोटीन निकालने और अवशेष को प्रोसेस करने की बात कही।

कालोनी को जीरो वेस्ट बनाने का दिया सुझाव 

हालांकि एक कंपनी ने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट लगाकर प्रोसेस करने की बात कही। जबकि एक कंपनी ने ई-वेस्ट को प्रोसेस करने पर अपनी जानकारी साझा की। बल्कि वेस्ट जनरेट करने वाले संस्थानों के कूड़े को प्रोसेस करने के लिए भी एक कंपनी तैयार है। एक कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की किसी एक कालोनी को जीरो वेस्ट कालोनी बनाने का सुझाव दिया। ऐसे तमाम सुझावों के साथ कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह और ईवाई की टीम के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिए।

एसीईओ ने लोगों से की अपील 

बता दें इस दौरान जानकारी देते हुए एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि इन सुझावों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार कर सीईओ को सौपा जाएगा। उसके बाद इन पद्धतियों को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनाकर उससे नफा-नुकसान  का अध्ययन करते हुए वेस्ट को प्रोसेस कराने का निर्णय लिया जाएगा। वहीं एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने इन आइडिया पर बहुत जल्द ही काम शुरू कराने की बात कही है। हालांकि उन्होंने ग्रेटर नोएडावासियों से भी शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग की अपील की है।

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