Ghaziabad News: भांजे ने संपत्ति के लिए की प्रॉपर्टी डीलर की हत्या
Ghaziabad News: भांजे ने संपत्ति के लिए की प्रॉपर्टी डीलर की हत्या
लोनी। प्रेमनगर काॅलोनी में शनिवार की रात नौ बजे की गई प्रॉपर्टी डीलर और हिस्ट्रीशीटर विक्रम मावी की हत्या में 17 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। मुख्य आरोपी विक्रम का भांजा जिलाबदर अपराधी पवन भाटी है। रविवार को उसके पिता, पत्नी और मां और साले समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि पवन ने संपत्ति के लिए हत्या की है। दोनों के बीच दो साल से रंजिश थी। इसमें दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कई केस दर्ज करा चुके थे।
एसीपी अंकुर विहार भास्कर वर्मा ने बताया कि विक्रम के बेटे सागर की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में पवन भाटी चरण सिंह, विमला, कविता, चंचल, कुलदीप, पूजा, राहुल भाटी, सोनू बघेल, रोहित, गौरव, टिंकू, विमल, प्रशांत, निशांत, राहुल और गगन को नामजद किया है। पुलिस ने पवन के पिता चरण सिंह, पत्नी चंचल, मां विमला, साला गौरव और एक अन्य पूजा को गिरफ्तार कर लिया है। पवन का कोई सुराग नहीं लग पाया है।
टीला शाहबाजपुर गांव निवासी विक्रम मावी का प्रॉपर्टी डीलिंग का दफ्तर प्रेमनगर में है। उसके बेटे सागर ने बताया कि शनिवार की रात करीब नौ बजे दफ्तर बंद कर पिता बाइक से घर जा रहे थे। दूसरी बाइक पर वह साथ ही चल रहा था। तभी बाइक पर आए कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली लगने से पिता जमीन पर गिर गए। उन पर चाकू और तलवार से भी हमला किया गया। इस दौरान हमलावर गोलियां भी चलाते रहे।
कई राउंड फायरिंग करने के बाद फाटक की तरफ भाग गए। उसने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया। लहूलुहान पिता को दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल ले गए। वहां डाॅक्टर ने उन्हें मृत बताया। पिता को तीन गोलियां लगी थीं।
कड़ी सुरक्षा में हुआ अंतिम संस्कार : रविवार दोपहर विक्रम मावी का शव घर लाया गया। 10 मिनट ही शव को घर में रखा गया। इसके बाद परिजन गांव के श्मशान घाट ले गए। सुरक्षा के मद्देनजर लोनी कोतवाली, ट्रॉनिका सिटी, अंकुर विहार और लोनी बॉर्डर थाने की पुलिस फोर्स को गांव में तैनात किया गया। अंतिम संस्कार होने के बाद पुलिस वापस चली गई।
दो सालों से चल रहा संपत्ति का विवाद : सागर ने बताया कि दादा हरिराम ने परिजनों को जमीन दिलवाई है। पवन भाटी के परिवार के लोग उनके पिता से उनकी संपत्ति में हिस्सा मांग रहे थे। 2022 से दोनों में विवाद चल रहा था।
पुलिस ईमानदारी से कार्रवाई
करती तो पिता की हत्या न होती
(विक्रम के बेटे का आरोप)
लोनी। सागर का कहना है कि अगर पुलिस ईमानदारी से कार्रवाई करती तो पिता की हत्या न होती। उसने बताया कि सात दिन पहले पवन भाटी ने पिता पर हमला किया था। पिता के सिर में टांके आए थे। पिता ने थाने में तहरीर दी लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। पवन भाटी ने जैसा कहा, पुलिस ने वैसा किया। पवन की पत्नी चंचल ने तहरीर दी। पुलिस ने इस तहरीर पर पिता के खिलाफ जानलेवा हमले का केस दर्ज कर लिया। जिस पर हमला हुआ, उसी को आरोपी बना दिया। इस पर पिता ने आत्मदाह की धमकी भी दी थी। इस पर भी पुलिस के अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। अगर पिता की ओर से केस दर्ज किया होता और पवन भाटी पर कार्रवाई होती तो वह हत्या न कर पाता। सागर का कहना है कि लोनी बाॅर्डर थाने के एक अधिकारी और एसीपी दफ्तर का एक सिपाही पवन भाटी से मिले हुए हैं। वे उसके लिए ही काम करते हैं। संवाद
पंचायत भी खत्म न करा सकी रंजिश
विक्रम मावी और उसके भांजे पवन भाटी में चल रही रंजिश को खत्म करने के लिए गांव में कई बार पंचायत हुई। इसमें बिरादरी के जिम्मेदार लोग शामिल हुए। पंचों ने दोनों पक्षों को समझाया कि आपसी बातचीत से संपत्ति का विवाद सुलझा लें या फिर फैसला कोर्ट पर छोड़ दें लेकिन इस पर कोई भी पक्ष राजी नहीं हुए। दोनों में कई बार झगड़ा हुआ। एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराते रहे। इससे रंजिश का रंग और गाढ़ा होता चला गया। नौबत हत्या तक आ गई। पुलिस ने बताया कि पवन भाटी एक बार जेल जा चुका है। विक्रम दो बार जेल जा चुका था।
विक्रम के बेटे भी हिस्ट्रीशीटर
पवन पर लग चुका गुंडा एक्ट
लोनी। विक्रम मावी हिस्ट्रीशीटर अपराधी था। उसे जिलाबदर भी किया गया था। उसके बेटों के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस दोनों बेटों सागर और सन्नी की हिस्ट्रीशीट खोल चुकी है। हत्या के मुख्य आरोपी पवन भाटी के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की जा चुकी थी। पुलिस ने बताया कि रंजिश में विक्रम मावी ने एक मुकदमा पवन भाटी पर दर्ज कराया है। पवन भाटी ने तीन मुकदमे विक्रम मावी पर दर्ज कराए थे। इसके अलावा सागर और सन्नी पर दो-दो केस दर्ज कराए थे। दोनों के खिलाफ मारपीट, बलवा, जानलेवा हमले के मामले दर्ज हैं। दोनों को जिलाबदर किया जा चुका है। विक्रम के खिलाफ भी संगीन धाराओं में केस दर्ज हैं। पवन भाटी के खिलाफ लोनी बाॅर्डर थाने में मारपीट, बंधक बनाना, धमकी देना, चौथ वसूली, अपहरण, और जानलेवा हमले के केस दर्ज हैं। पुलिस उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत निरोधात्मक कार्रवाई कर चुकी है। उसे 23 अप्रैल को जिलाबदर घोषित किया गया था।
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर फूटा गुस्सा
विक्रम का शव कंधे पर रखकर सड़क पर एक किमी. चले परिजन
माई सिटी रिपोर्टर
लोनी। मुख्य आरोपी पवन भाटी की गिरफ्तारी नहीं होने पर विक्रम मावी के परिजनों का रविवार की दोपहर गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने करहेड़ा में पुलिस के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन किया। इससे ट्रैफिक जाम हो गया। वे लोग विक्रम का शव कंधे पर रखकर कमिश्नरेट पर जाम लगाने के लिए चल दिए। पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास करती रही। एक किलोमीटर तक वे लोग शव को कंधे पर लेकर चलते रहे। उन्हें रोकने के लिए चार थानों की फोर्स लगानी पड़ी। तब जाकर उन्हें रोका जा सका। इससे पहले एक घंटे तक हंगामा चला।
डीसीपी ग्रामीण विवेक चंद्र यादव ने उन्हें बताया कि पांच आरोपी पकड़ लिए गए। अन्य की तलाश चल रही है। इस मामले में कड़ी कार्रवाई होगी। सागर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पूर्व में शिकायत के बावजूद भी लापरवाही बरती। थाना प्रभारी और एसीपी कार्यालय के एक सिपाही की भूमिका संदिग्ध है। डीसीपी ने कहा, इन आरोपों की जांच कराई जाएगी। इस पर हंगामा शांत हुआ।
What's Your Reaction?