उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए काम की खबर : अगर बिजली कटौती से है परेशान, इतने घंटे लाइट नहीं आने पर मिल सकता है मुआवजा
अगर लगातार दो घंटे बिजली नहीं आ रही तो पावर कॉरपोरेशन से मुआवजा मांग सकते हैं। इतना ही नहीं ब्रेकडाउन, केबल फॉल्ट, ट्रांसफॉर्मर फेल होने, नए कनेक्शन में देरी, मीटर रीडिंग में गड़बड़ी और लोड की समस्या ना दूर होने पर भी एक तय वक्त के बाद इसके लिए दावा कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए ये खबर काम की हो सकती है। जहां इस वक़्त राज्य में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। यहीं नहीं गर्मी में सबसे बड़ी समस्या पावर कट की होती है। लोग बिजली कटौती से भी काफी परेशान होते हैं। और बिजली कटौती को लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई सटीक जवाब भी नहीं दिया जाता है। लेकिन क्या आपकों पता है आपके द्वारा महज एक कदम उठाने से बिजली विभाग के अधिकारियों की मुसीबत बढ़ सकती है। और आपको ये बड़ा लाभ मिल सकता है।
1912 पर समस्या की करनी होगी शिकायत
बता दें अगर लगातार दो घंटे बिजली नहीं आ रही तो पावर कॉरपोरेशन से मुआवजा मांग सकते हैं। इतना ही नहीं ब्रेकडाउन, केबल फॉल्ट, ट्रांसफॉर्मर फेल होने, नए कनेक्शन में देरी, मीटर रीडिंग में गड़बड़ी और लोड की समस्या ना दूर होने पर भी एक तय वक्त के बाद इसके लिए दावा कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए पहले हेल्पलाइन 1912 पर समस्या की शिकायत करनी होगी। वहीं अगर समाधान ना हो तो दोबारा इसी नंबर पर कॉल कर मुआवजे का दावा कर सकते हैं।
प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल के ऑडिट में आई डाटा
दरअसल उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 के अंतर्गत मुआवजे का नियम लागू किया है। हालांकि इसको लेकर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए जानकारी के अभाव में बहुत कम उपभोक्ता ही मुआवजे को लेकर दावा करते हैं। इसके बावजूद यह कानून लागू होने के बाद से मार्च 2024 तक सिर्फ कनेक्शन में देरी के मामलों में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने मुआवजे जानकारी मुताबिक अब 13.33 करोड़ रुपये दबा लिए हैं। वहीं ये डाटा प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल के ऑडिट में सामने आई है।
आइए जानते हैं कैसे शिकायत दर्ज करा सकते हैं
1. बिजली सप्लाई बाधित होने या किसी दूसरी समस्या पर 1912 पर कॉल करें। वहां से शिकायत संख्या मिलती है।
2. हालांकि तय समय में समाधान नहीं होने पर दोबारा 1912 पर कॉल कर मुआवजा के लिए दावा किया जा सकता है।
3. वहीं दावा करने के बाद वहां से एक रेफरेंस नंबर मिलेगा। जिसके साथ मुआवजा की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी
अधिकतम मुआवजा 396 रुपये मिलेगा
बता दें नियम के अनुसार, उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा मिलना चाहिए। इतना ही नहीं यदि किसी भी उपभोक्ता को एक वित्तीय वर्ष में उसके फिक्स चार्ज या डिमांड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं मिल सकता है। हालांकि एक किलोवॉट के कनेक्शन का महीने का फिक्स चार्ज 110 रुपये होते है। इस तरह से देखा जाए तो पूरे साल का फिक्स चार्ज 1320 रुपये हुआ। ऐसे में कोई उपभोक्ता मुआवजा की मांग करता है तो उसे एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 396 रुपये मुआवजा मिलेगा।
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