राहुल गांधी ने एक बार फिर ईवीएम में पारदर्शिता को लेकर उठाया सवाल, सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर लगाया आरोप
राहुल गांधी ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए हैं। दरअसल राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रविवार यानी कि 16 जून को एक पोस्ट शेयर किया, इसके जरिये चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए है। कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर से जुड़ी एक खबर भी शेयर की है
विपक्ष के नेता पिछले काफी समय से सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर ईवीएम को लेकर सवाल उठा रहीं थीं। यहां तक कि विपक्ष का आरोप था कि चुनाव में हुई लगातर बीजेपी की जीत का एक बहुत बड़ा कारण ईवीएम में धांधली है। वहीं एक बार फिर
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए हैं। दरअसल राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रविवार यानी कि 16 जून को एक पोस्ट शेयर किया, इसके जरिये चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए है। बता कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर से जुड़ी एक खबर भी शेयर की है। जिसमें शिंदे पर राहुल गांधी ने ईवीएम से छेड़छाड़ कर जीतने का आरोप लगाया है। हालांकि राहुल गांधी के इस पोस्ट के बाद जाहिर सी बात देश में राजनीति गरमा सकती है।
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जताई चिंता
बता दें राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया हेंडल एक्स पर लिखा, भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है। उनका कहना है कि किसी को भी इनकी स्क्रूटनी करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है। वहीं राहुल गांधी का यह पोस्ट सामने आना के बाद छाया हुआ है।
इस खबर को राहुल गांधी ने किया शेयर
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने जिस खबर को शेयर करके यह पोस्ट लिखा है। वह मिड डे की खबर है। दरअसल मिड डे की इस रिपोर्ट में बताया गया है वनराई पुलिस को अभी तक की जांच में रविंद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के खिलाफ कई सबूत मिले हैं। हालांकि मंगेश मंडिलकर पर आरोप है कि उसी ने ईवीएम में गड़बड़ी की जिसके बाद मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से वायकर को मात्र 48 वोटों से जीत मिली थी। आरोप है तो यह भी है कि मंगेश मतदान के दौरान जिस फोन इस्तेमाल कर रहा था, वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी कि ईवीएम से जुड़ा था।
41ए के तहत भेजा नोटिस
दरअसल इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि इस मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने वाले ओटीपी को जनरेट करने के लिए किया गया था। बता दें इस टेक्निक का इस्तेमाल 4 जून को नेस्को सेंटर के अंदर किया गया था। हालांकि पुलिस ने मामले में एक्शन लेना शुरू कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक वनराई पुलिस ने आरोपी मंगेश पंडिलकर और दिनेश गुरव को सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस भी भेजा, जो चुनाव आयोग के साथ एनकोर ऑपरेटर था।
पुलिस ने अब उस मोबाइल फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में जांच के भेज दिया है ताकि मोबाइल फोन का डेटा पता लगाया जा सके और फोन पर मौजूद फिंगरप्रिंट भी लिए जा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से चुनाव के बाद ये मामला सामने आया है। जाहिर सी बात राजनीति गलियारों में यह चर्चा का विषय बन सकता है। आने वाले समय में पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप होने वाला है। हालांकि पुलिस अपने तरीके से पूरे मामले में जांच कर रही है।
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