नोएडा में लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने के वालों खिलाफ अभियान में पुलिस को मिली सफलता, गैंग के 6 ठगो को किया अरेस्ट
नोएडा में साइबर जालसाजों के खिलाफ चलाए गए अभियान में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने पार्सल में ड्रग्स और अन्य संदिग्ध सामान पकड़े जाने की सूचना देकर जांच के नाम पर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगने वाले गिरोह में शामिल 6 जालसाजों को जयपुर से अरेस्ट किया है।
नोएडा में साइबर जालसाजों के खिलाफ चलाए गए अभियान में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल सेक्टर-76 के रहने वाले रेलवे के रिटायर्ड जीएम को डिजिटल अरेस्ट कर 52 लाख 50 हजार रुपये की ठगी हुई थी। जिसके बाद इन्होंने पुलिस को सूचना दी, हालांकि इनके द्वारा पुलिस को सूचना देने के बाद इस केस की जांच में जुटी पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने पार्सल में ड्रग्स और अन्य संदिग्ध सामान पकड़े जाने की सूचना देकर जांच के नाम पर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगने वाले गिरोह में शामिल 6 जालसाजों को जयपुर से अरेस्ट किया है। यहां तक कि इसको लेकर पुलिस का दावा है कि पहली बार इस तरह के गैंग में शामिल शातिरों को पकड़ा गया है। जबकि पकड़े गए बदमाश गैंग के लिए बैंक एकाउंट उपलब्ध करवाने और ठगी का पैसा ठिकाने लगाने का काम करते थे। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस गैंग का सरगना एक फिजियोथेरेपिस्ट है। वह भी पकड़ा गया है।
सभी आरोपी राजस्थान के रहने वाले
गौरतलब है कि इसको लेकर जो जानकारी सामने आई उसमें पुलिस के अनुसार , पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर जांच के नाम पर पूछताछ का नाटक करने एवं डिजिटल अरेस्ट करने वाले जालसाज अभी भी पुलिस के पहुंच से दूर हैं। हालांकि उनके बारे में भी कई अहम क्लू आरोपियों से मिले हैं। इसको लेकर पुलिस ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपी मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। जबकि पुलिस के दावा इनकी पहचान शम्भू दयाल किशन, लखन, महेंद्र, संजय शर्मा, प्रवीण, के रूप में हुई है। इनके पास से से 7 मोबाइल, 3 आधार कार्ड और एक कार बरामद की गई है। इनका सरगना किशन है जो पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट है। इसने ही बाकी लोगों को अपने साथ जोड़ा हुआ था। हालांकि अब तक की जो जांच हुई है, उसमें यह भी सामने आया है कि इनके साथ राजस्थान के देना बैंक का स्टाफ भी शामिल है। आरोप है कि वह एकाउंट खुलवाने, फंड ट्रांसफर करवाने समेत अन्य मदद कर रहा था।
साइबर क्राइम की स्पेशल टीम को मिली सफलता
बता दें कि पुलिस टीम ने उसके भी ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन बैंक का जो स्टाफ शामिल है वह फरार मिला। जबकि साइबर ठगी की शिकायत पर शुरुआत में पुलिस की जांच जामताड़ा और मेवात पर फोकस थीं, लेकिन 16 मई को रिटायर्ड जीएम को डिजिटल अरेस्ट कर हुई ठगी की जांच आगे बढ़ी तो इस बार पुलिस को आरोपियों के बारे में अहम सुराग हाथ लगे। हालांकि इसके बाद साइबर क्राइम थाने की स्पेशल टीम इंस्पेक्टर विजय कुमार की अगुवाई में बनाई गई। वहीं यह टीम राजस्थान गई और आखिर में जयपुर में यह गैंग पकड़ा गया।
7 मोबाइल फोन हुई बरामद
हालांकि पुलिस को जो आरोपियों के पास से 7 मोबाइल फोन बरामद हुई है, उसकी भी जांच गहनता से जांच कर रही है। जबकि शुरुआती जांच में ही करीब 90 बैंक एकाउंट का ब्यौरा मिला है। यह बैंक एकाउंट केरल, तमिलनाडु, राजस्थान, यूपी, हरियाणा समेत अन्य स्थानों पर खुलवाए गए थे। एक तरह से यह किराये पर भी लिए जाते थे। इनमें करंट एकाउंट भी है जिसका किराया 3 लाख रुपये हफ्ते का लिया जा रहा था। इन बैंक एकाउंट में डिजिटल अरेस्ट और अन्य फ्रॉड में उत्तर प्रदेश 7, आन्ध्र प्रदेश 8, केरल 4, तमिलनाडु 4, तेलंगाना 4, पंजाब 2, राजस्थान 4, मध्य प्रदेश 3, बिहार 3, दिल्ली 3, गुजरात 3,कर्नाटक 10, हरियाणा 1, छ्त्तीसगढ 1, गोवा 1, झारखण्ड 1, उडीस 1 वही सबसे अधिक महाराष्ट्र 13 में घटनाओं का पैसा ट्रांसफर करवाया गया था।
बता दे कि डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाला पहला गैंग पकड़ने की साइबर क्राइम थाने को सफलता मिल गई है, लेकिन वह अपराधी अब भी नहीं पकड़े गए हैं जो जांच के नाम पर पुलिस अधिकारी बनकर विडियो कॉल पर पूछताछ करते हैं। फिर सजा का डर दिखाकर भोले भाले डिजिटल अरेस्ट करते हैं। यहां तक कि यह अपराधी पुलिस वर्दी में नजर आते हैं। यही नहीं बल्कि बैक ग्राउंड में थाने जैसा व्यू भी नजर आता है। पकड़े गए आरोपी उनसे वॉट्सऐप कॉल के जरिए संपर्क में रहते थे।
8 महीने में 135 लोगों से निवेश के नाम पर ठगी
दरअसल शहर साइबर अपराधियों के निशाने पर है। इसमें डिजिटल अरेस्ट के अलावा भी कई तरह से ठगी हो रही है। जबकि साइबर क्राइम थाने के रेकॉर्ड पर नजर डालें तो पिछले 8 महीने के अंदर 135 लोगों के साथ शेयर मार्केट में निवेश करने के झांसा देकर साइबर ठगी हुई है। हालांकि 7 लोगों के साथ डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी की गई। वहीं 39 लोगों से नौकरी और अन्य तरीकों से साइबर ठगी हुई है। साइबर क्राइम थाने में 8 महीने के अंदर 204 ठगी के मामले आए हैं। ठगी की कुल रकम करीब 56 करोड़ रुपये रही है। हालांकि आने वाले समय में इसको लेकर और भी खुलासे हो सकते हैं।
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