सुंदर भाटी गैंग के शार्प शूटर को समर्थकों के भारी विरोध के बीच पुलिस ने किया गिरफ्तार, एसटीएफ पर ग्रामीणों ने किया पथराव

पुलिस ने सुंदर भाटी गैंग के सक्रिय सदस्य और शार्प शूटर दनकौर के गांव जुनेदपुर की मढैया निवासी संदीप नागर को शुक्रवार की देर रात ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि संदीप को गिरफ्तार करने पहुंची एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस को ग्रामीणों की फायरिंग और पथराव का सामना करना पड़ा।

Jul 13, 2024 - 14:55
सुंदर भाटी गैंग के शार्प शूटर को समर्थकों के भारी विरोध के बीच पुलिस ने किया गिरफ्तार, एसटीएफ पर ग्रामीणों ने किया पथराव
संदीप नागर को विरोध के बीच पुलिस ने किया गिरफ्तार

गौतमबुद्धनगर की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल पुलिस ने सुंदर भाटी गैंग के सक्रिय सदस्य और शार्प शूटर दनकौर के गांव जुनेदपुर की मढैया निवासी संदीप नागर को शुक्रवार की देर रात ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि संदीप को गिरफ्तार करने पहुंची एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस को ग्रामीणों की फायरिंग और पथराव का सामना करना पड़ा। यहां तक कि विरोध कर रहे लोगों ने पथराव कर एसटीएफ की गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया और पुलिस बल पर फायरिंग कर दी। हालांकि बाद पुलिस के द्वारा भी जवाबी फायरिंग करते हुए संदीप नागर को गिरफ्तार कर लिया। जबकि फायरिंग के दौरान पुलिसकर्मियों ने आसपास की खेतों में छुपकर अपने आप को सुरक्षित किया। बता दें मिली जानकारी के अनुसार संदीप पर 30 से अधिक संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या, रंगदारी, वसूली, अपहरण और भी संगीन मामले शामिल हैं।

 2020 में हुआ था मुकदमा दर्ज 

गौरतलब है कि पुलिस के अनुसार संदीप नागर और उसके बेटे पुनीत उर्फ आशू उर्फ आशीष के खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी देने एवं रंगदारी मांगने के आरोप में साल 2020 में मुकदमा दर्ज हुआ था। वहीं तब से पिता पुत्र दोनों फरार चल रहे थे। बता दें न्यायालय ने इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के साथ-साथ धारा -82 की कार्रवाई के निर्देश दिए थे। 
दरअसल पुलिस की टीम जब भी संदीप को गिरफ्तार करने जाती तब- तब उसको ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ता था।

संदीप की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी 

हालांकि इस बार संदीप की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी एसटीएफ की स्थानीय इकाई को सौंपी गई। वहीं एसटीएफ ने शुक्रवार की देर रात थाना ईकोटेक -1 और आसपास के अन्य थानों का पुलिस बल लेकर गांव में संदीप के ठिकाने पर दबिश दी।  इसकी भनक जब संदीप के समर्थक ग्रामीणों को हुई तो वह पुलिस की टीम पर पर हमलावर हो गए। वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने एसटीएफ की गाड़ी पर पथराव कर दिया और आसपास के घरों से एसटीएफ के साथ-साथ पुलिस बल पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। लेकिन ग्रामीणों के द्वारा भारी विरोध के बीच आखिरकार पुलिस और एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली। 

जवाब में पुलिस ने भी संभाला मोर्चा 

ग्रामीणों की ओर से पुलिस पर हमला किए जाने के बाद जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया। वही अन्य थानों की पुलिस बल को इसकी भी सूचना दी गई । जिसके बाद पुलिस ने गांव को चारों तरफ से घेर लिया। जबकि भारी विरोध के बीच आखिरकार संदीप नागर को गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल पुलिस ने देर रात तक गांव को घेर कर रखा है। बता दें अब पुलिस उन लोगों की भी तलाश कर रही है जिन लोगों ने पथराव कर पुलिस की गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया है। हालांकि इसके साथ-साथ संदीप नगर के समर्थकों की तलाश में भी दबिश दी जा रही है। देर रात तक पुलिस में गांव की घेराबंदी कर रखी थी। 

संदीप नागर पहले यूपी पुलिस में था सिपाही

हालांकि इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ग्रेटर नोएडा के एडीपीसी अशोक कुमार ने दिया उन्होंने बताया कि संदीप नगर काफी लंबे समय से वांछित चल रहा था। समर्थकों के द्वारा भारी विरोध के बीच उसको गिरफ्तार कर लिया गया है। यह पुलिस की बड़ी सफलता है। बता दें संदीप नागर पहले उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही था। वहीं शुरू से ही वह अपराधिक गतिविधियों में शामिल रहता था। जिसकी वजह से उसे बर्खास्त कर दिया गया था। वह कुख्यात माफिया सरगना सुंदर भाटी गैंग का शार्प शूटर है। संदीप नागर पर दर्जनों मुकदमे पंजीकृत हैं और वह दनकौर थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है।

महिलाओं और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर भेजा

दरअसल धीरे-धीरे गांव के आसपास पुलिस की मौजूदगी बढ़ने लगी। भारी पुलिस बल को देखते हुए गांव वालों को यह भनक लग गई कि पुलिस किसी को उठाने आई है। इस दौरान पुलिस के द्वारा गांव से महिलाओं और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया, लेकिन संदीप नागर के ठिकाने के आसपास पुलिस की पैनी निगाह रही। हालांकि कुछ ग्रामीणों को भनक लग गई की पुलिस संदीप को गिरफ्तार करने आई है। इसकी भनक लगते ही संदीप के समर्थक सक्रिय हो गए और उन्होंने जवाबी हमले की तैयारी कर ली। शुक्रवार की देर रात तक पुलिस ने करीब करीब गांव को खाली कर लिया था। रात तक गांव की घेराबंदी जारी थी। जिसके बाद बड़ी मशक्कत से पुलिस को य़ह सफलता मिल पाई।

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