लोकसभा चुनाव में हार के बाद आप का बड़ा फैसला :विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी आप, बीजेपी ने बताया स्वार्थ की दोस्ती
आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा फैसला ले लिया है। बता दें चुनाव के नतीजे आने के बाद आम आदमी पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वह दिल्ली में विधानसभा का चुनाव अकेले ही लड़ेगी।
लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन दिल्ली की सातों सीटों पर हार गई इसके बाद अब दिल्ली की राजनीति भी तेज हो गई है। यहां तक आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा फैसला ले लिया है। बता दें चुनाव के नतीजे आने के बाद आम आदमी पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वह दिल्ली में विधानसभा का चुनाव अकेले ही लड़ेगी। दरअसल आप ने ऐसे संकेत दिए हैं कि केवल दिल्ली में नहीं बल्कि पंजाब समेत अन्य राज्यों में भी फिलहाल उनकी पार्टी किसी के साथ गठबंधन करके विधानसभा के चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है।
दरअसल दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही लगातार दोनों पार्टियों के नेताओं से पूछा जा रहा था कि क्या विधानसभा का चुनाव भी वो साथ मिलकर लड़ेंगे? जबकि दोनों पार्टियों को दिल्ली में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद कोई फायदा नहीं हुआ यहां तक दोनों पार्टियों ने दिल्ली में अपना खाता तक नहीं खोल पाईं। ऐसे में अब यह सवाल फिर से उठ रहा था कि क्या अब दोनों साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने पर फिर से विचार कर रही हैं? लेकिन अब आप की ओर इस सवाल पर पूर्णविराम लगा दिया कि वह विधानसभा का चुनाव अकेले ही लड़ेगी। जिसके बाद दिल्ली में अब राजनीति भी शुरू हो गई है। यहां तक एक बार फिर से बीजेपी को आप और कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।
लोकसभा चुनाव मिली हार पर की समीक्षा
दरअसल बीते गुरुवार की शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर आप के द्वारा दिल्ली के सभी विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, जिस मीटिंग में लोकसभा चुनाव मिली हार पर समीक्षा की गई। वहीं बैठक के बाद गोपाल राय ने एक प्रैस कॉन्फ्रेंस किया जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर कहा कि यह पहले दिन से स्पष्ट है कि इंडिया गठबंधन महज लोकसभा चुनाव के लिए था। हमने पूरी ईमानदारी के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा। जहां तक दिल्ली के विधानसभा चुनाव की बात है, तो विधानसभा के लिए देशभर में कोई गठबंधन अभी तक नहीं बना है। हम दिल्ली में अपनी अपनी पूरी ताकत से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।
आप ने दो अहम फैसले लिए
हालांकि उन्होंने आगे बताया कि बैठक में दो हम फैसले लिए गए हैं। वहीं उनका कहना है कि आचार संहिता की वजह से पिछले 2 महीने से दिल्ली में विकास के काम ठप पड़े हुए हैं। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि आप के सभी विधायक शनिवार और रविवार को अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और यहां तक कि जितने भी विकास कार्य रुके हुए हैं, उनको तेजी से आगे बढ़ाएंगे। आगे उन्होने कहा कि सभी विधायक जनता के बीच रहेंगे। शनिवार को पार्टी के सभी पार्षदों के साथ और उसके बाद 13 जून को पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने का निर्णय भी हुआ है। पार्टी ने तय किया है कि जब तक सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, तब तक लड़ाई जारी रहेगी और पार्टी इसे और ज्यादा मजबूती से आगे लेकर जाएगी।
जीत-हार का अंतर काफी कम
गौरतलब है कि इस दौरान गोपाल राय ने कहा कि जिस कठिन समय में इस लोकसभा चुनाव में पार्टी ने चुनाव लड़ा और पार्टी एकजुट एवं मजबूत होकर उभरी है, उसकी सभी ने प्रशंसा की है। इसके लिए उन्होंने पार्टी के सभी पार्षदों, विधायकों, कार्यकर्ताओं के प्रति आभार भी जताया। दिल्ली में हार के कारणों पर राय ने कहा कि सबका यही मानना है कि दिल्ली में पिछले दो चुनावों से जो ट्रेंड बना हुआ था, वो इस बार भी कायम रहा। वही उन्होंने विश्वास जताया कि विधानसभा में भी यह पैटर्न दोहराया जाएगा और आम आदमी पार्टी जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन का सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि जीत-हार का अंतर काफी कम हुआ है।
बीजेपी ने बताया स्वार्थ की दोस्ती
बता दें अब आप के इस फैसले पर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने दोनों ही पार्टियों पर तंज कसा है। यहां तक कि आप और कांग्रेस के गठबंधन की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने निशाना साधते हुए इनकी गठबंधन को स्वार्थ की दोस्ती बताया है। वही उन्होंने गोपाल राय के बयान की जमकर आलोचना की है। हालांकि शहजाद पूनावाला ने कहा कि अब वे दोनों एक-दूसरे को दिल्ली में गालियां दे रहे हैं। यह इंडी गठबंधन का असली चेहरा है।
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