देशभर में लागू हुआ CAA, तीन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता, मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
देशभर में लागू हुआ CAA, तीन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता, मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर दिया है. सोमवार शाम को सरकार की तरफ से CAA की अधिसूचना जारी की गई. संसद द्वारा 11 दिसंबर, 2019 को अधिनियमित सीएए पूरे देश में चर्चा और व्यापक विरोध का विषय रहा है. इस कानून के तहत तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.
Citizenship Amendment Act 2019: लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही केंद्र सरकार देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) लागू कर दिया है. अब से कुछ देर पहले ही सरकार की तरफ से CAA की अधिसूचना जारी की गई. कानून संसद के दोनों सदनों से 4 साल पहले मंजूर हो गया था. राष्ट्रपति की मुहर भी लग गई थी. सिर्फ नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार किया जा रहा था.
आइए जानते हैं कि सीएए में क्या प्रावधान हैं और इस कानून के लागू होने से किन लोगों को नागरिकता दी जाएगी?
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएए को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सीएए के संबंध में नियम जारी कर इस साल लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा. शाह का कहना था कि हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है. सीएए सिर्फ उन देशों के अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं. यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले किसी भी समय नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित कर सकती है.
संसद की टेबल पर कब पर आया सीएए?
नागरिकता संशोधन बिल पहली बार 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था. यहां से तो ये पास हो गया था, लेकिन राज्यसभा में अटक गया था. बाद में इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया और फिर 2019 का चुनाव आ गया. फिर से मोदी सरकार बनी. दिसंबर 2019 में इसे लोकसभा में दोबारा पेश किया गया. इस बार ये बिल लोकसभा और राज्यसभा, दोनों जगह से पास हो गया. 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी
इतने वर्षों तक क्यों अटका रहा सीएए?
सीएए के लागू होने में देरी के कई फैक्टर रहे हैं. शुरुआती विरोध के कारण पूरे देश में सीएए पर बहस तेज हो गई थी. खासकर असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में व्यापक प्रदर्शनों ने चिंताएं बढ़ा दी थीं. दिल्ली के शाहीन बाग में धरना दिया गया. असम के गुवाहाटी में विरोध में सभाएं हुईं. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं और इसकी संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए गए.आलोचकों ने तर्क दिया कि ये कानून भेदभावपूर्ण है. इसमें म्यांमार के रोहिंग्या और तिब्बती बौद्धों जैसे कुछ उत्पीड़ित समूहों को शामिल नहीं किया गया है. इस बीच कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन और प्रतिबंध लागू कर दिए गए. ऐसे में विरोध-प्रदर्शन थम गए थे. फिर सीएए पर लंबी खामोशी बनी रही. संसद में पारित होने के चार साल बाद भी सीएए लागू नहीं हो सका इसके नियमों और प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाना बाकी था.
जानिए किसको और कैसे मिलेगा इसका फायदा?
CAA से किसे मिलेगी नागरिकता: CAA के तहत, 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता मिलेगी। इन तीन देशों के निवासियों को ही नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार होगा।
CAA भारतीय नागरिकों पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा: इसके बारे में भारतीय नागरिकों को कोई चिंता नहीं करनी चाहिए। संविधान के अनुसार, भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई अन्य कानून इसे हटा नहीं सकता।
आवेदन के लिए क्या प्रक्रिया होगी: आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए थे, लेकिन पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। यह आवेदन की प्रक्रिया में भारत में निवास की अवधि पांच साल से अधिक होनी चाहिए। अन्य विदेशियों के लिए (मुस्लिम) यह समय अवधि 11 साल से अधिक होगी।
इन देशों के गैरकानूनी मुस्लिम इमिग्रेंट्स का क्या: CAA विदेशियों को निकालने के लिए नहीं है, बल्कि यह गैरकानूनी तरीके से शरणार्थियों को निकालने के बारे में है। विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 में इसके लिए पहले से ही प्रावधान है। इन अधिनियमों के तहत किसी भी देश या धर्म के विदेशियों को भारत में प्रवेश या निष्कासन किया जा सकता है।
CAA को अब तक क्यों टालती रही सरकार: भाजपा शासित असम-त्रिपुरा में CAA को लेकर चिंताएं हैं। असम में पहले ही विरोध उठा था। CAA में व्यवस्था है कि जो विदेशी 24 मार्च 1971 से पहले असम आकर बस गए, उन्हें नागरिकता दी जाए। इसके बाद बांग्लादेश अलग देश बन गया था।
CAA को लेकर लोगों को क्या है संदेह: लोगों की CAA के संबंध में आशंकाओं का कारण यह था कि वे इसे देश में NRC की एक रूपरेखा के रूप में देख रहे थे। उन्हें डर था कि विदेशी अवैध आवासीयों को बड़ी संख्या में निकाल दिया जाएगा। बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को भी आशंका है कि CAA के बाद NRC के लागू होने से बड़ी संख्या में लोग वापस आ जाएंगे।
सुरक्षाबलों का फ्लैग मार्च
डीसीपी ने कहा कि हमने अर्धसैनिक बलों के साथ रात की निगरानी बढ़ा दी है। किसी को भी कानून-व्यवस्था की स्थिति का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हमने हर आम लोगों की सुरक्षा के लिए फ्लैग मार्च निकाला। खास बात है कि वर्ष 2020 में सीएए और एनआरसी को लेकर उत्तर पूर्वी जिले में दंगे भड़के थे।
दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा
CAA पर नियम अधिसूचित होते ही दिल्ली में संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ केंद्रीय पुलिस बलों ने शाहीन बाग इलाके में फुट पेट्रोलिंग की. इसके साथ ही सीलमपुर, ओखला, जामिया नगर और पूर्वी दिल्ली के इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ाई गई है. लोगों से संयम बरतने और सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक या भड़काऊ पोस्ट न लिखने की अपील की गई है.
दिल्ली पुलिस की साइबर विंग हुई एक्टिव
दिल्ली पुलिस की साइबर विंग अलर्ट हो गई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देश भर की सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस ने नजरें गड़ा दी हैं. CAA लागू होने के मद्देनजर एंटी सोशल एलीमेंट सोशल मीडिया के जरिए एंटी इंडिया प्रोपेगैंडा न फैलाएं और झूठी या भ्रामक पोस्ट न शेयर करें, इसे नजर रखी जा रही है. पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसा करता पाए जाने पर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
यूपी में जारी किया गया हाई अलर्ट
यूपी में सीएए लागू होने के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सभी जिलों में फुट पेट्रोलिंग शुरू करने और संवेदनशील इलाकों में सामाजिक सौहार्द बनाए रखने को कहा गया है. इसके साथ ही सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को सोशल मीडिया पर निगरानी रखने का भी निर्देश जारी किया गया है.
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