Arvind Kejriwal ED Case: शराब घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता कौन, रिश्वत का पैसा कहां हुआ इस्तेमाल? ED ने कोर्ट में दी ये दलील
Arvind Kejriwal ED Case: शराब घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता कौन, रिश्वत का पैसा कहां हुआ इस्तेमाल? ED ने कोर्ट में दी ये दलील
Arvind Kejriwal Case भाजपा जहां केजरीवाल को शराब घोटाले का किंगपिन बता रही हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी भाजपा पर ईडी के माध्यम से साजिश रचने का आरोप लगा रही है। इस बीच ईडी का भी बयान सामने आया है। ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी। इसके बाद तुषार मेहता ने ट्रायल कोर्ट में कई दलीलें भी दी।
नई दिल्ली। Arvind Kejriwal Case दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर खूब हंगामा मचा है। भाजपा जहां केजरीवाल को शराब घोटाले का किंगपिन बता रही हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी भाजपा पर ईडी के माध्यम से साजिश रचने का आरोप लगा रही है। इस बीच ईडी का भी बयान सामने आया है।
ईडी ने क्या कहा?
ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी। मेहता ने कहा कि हमें निर्देश था कि जब तक शीर्ष अदालत अरविंद केजरीवाल की याचिका पर विचार नहीं कर लेती तब तक कुछ भी नहीं करेंगे। केजरीवाल द्वारा सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लिए जाने के बाद ट्रायल कोर्ट में तुषार मेहता ने ईडी की तरफ से अपनी दलीलें रखीं।
ईडी की बड़ी बातें...
ED ने कहा कि नई आबकारी नीति मामले में केजरीवाल मुख्य साजिशकर्ता में शामिल रहे हैं और इसके जरिये रिश्वत ली गई।
रिश्वत की रकम का इस्तेमाल गोवा चुनाव में भी किया गया। केजरीवाल आबकारी नीति बनाई में अहम भूमिका निभाई थी
ईडी ने कहा कि इस मामले में केजरीवाल के करीबी विजय नायर शामिल रहे और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया केजरीवाल से मिले थे और उन्हें नीति से जुड़ी फाइल दी थी।
कोर्ट में बताया गया कि विजय नायर का संबंध यह है, वह केजरीवाल के पास घर मे रहते थे और उनका केजरीवाल के घर निरंतर जाना था। वह आप के मीडिया प्रभारी भी थे।
मगुंटा रेड्डी ने बयान में कहा है कि वह आबकारी नीति के संबंध में केजरीवाल से मिला था। दो मौके पर रिश्वत का पैसा दिया गया
आबकारी नीति के बदले रिश्वत लेना ही अपराध नहीं है, रिश्वत के बदले शराब कारोबारियों को फायदा पहुचना भी अपराध है।
जांच में सामने आया है कि हवाला के जरिये 45 करोड़ रुपये गोवा भेजे गए थे।
आबकारी नीति के बदले रिश्वत लेना ही अपराध नहीं है, रिश्वत के बदले शराब कारोबारियों को फायदा पहुचना भी अपराध है।
100 करोड़ की रिश्वत देकर दक्षिण लॉबी को करीब 592 से 600 करोड़ का फायदा हुआ, यह भी अपराध का हिस्सा है।
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