'पूर्णिया सीट नहीं छोड़ेंगे' - RJD की दावेदारी के बाद पप्‍पू बढ़ाएंगे टेंशन, आखिर क्या करेंगे लालू? - PURNEA LOKSABHA SEAT

'पूर्णिया सीट नहीं छोड़ेंगे' - RJD की दावेदारी के बाद पप्‍पू बढ़ाएंगे टेंशन, आखिर क्या करेंगे लालू? - PURNEA LOKSABHA SEAT

Mar 27, 2024 - 20:12
'पूर्णिया सीट नहीं छोड़ेंगे' - RJD की दावेदारी के बाद पप्‍पू बढ़ाएंगे टेंशन, आखिर क्या करेंगे लालू? - PURNEA LOKSABHA SEAT

पूर्णिया लोकसभा सीट पर महागठबंधन की रणनीति

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट पर चुनावी संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है। यहां पर बीमा भारती, कांग्रेस, और राजद के बीच एक तीव्र राजनीतिक प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। इस सीट पर चुनाव लड़ने के दावे उठाने के बाद, बीमा भारती के नेताओं ने यहां के चुनाव के लिए राजद को चुनौती दी है।

विभाजन और संघर्ष

पूर्णिया लोकसभा सीट के लिए महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के बीच संघर्ष का सबसे बड़ा कारण विभाजन है। इस क्षेत्र में समाज में गहरा विभाजन है और राजनीतिक दलों के बीच भी यही स्थिति है। राजद और कांग्रेस दोनों ही दल यहां पर अपना प्रतिष्ठान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

चुनावी प्रक्रिया

चुनाव की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही नेताओं के बीच चर्चाएं भी तेज हो रही हैं। इस सीट पर महागठबंधन के बीच उत्तरदायित्वों का वितरण भी महत्वपूर्ण है।

उम्मीदवारों का चयन

चुनावी अभियान के लिए उम्मीदवारों का चयन करना राजद और कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है। यहां पर उम्मीदवार का चयन उसकी प्रतिष्ठा, उम्र, और चुनावी योग्यता के आधार पर किया जाता है।

महत्वपूर्ण मुद्दे

पूर्णिया लोकसभा सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को लोगों के मुद्दों को समझकर अपना चुनावी अभियान चलाना होगा। किसानों, युवाओं, महिलाओं, और गरीब वर्ग के मुद्दे इस सीट पर महत्वपूर्ण होंगे।

समर्थन और प्रचार

महागठबंधन के उम्मीदवारों को लोगों के बीच अपने नारे, योजनाएं, और उत्साह को साझा करने के लिए प्रचार के लिए तैयार रहना होगा। उन्हें लोगों के बीच जा कर उनके समर्थन को प्राप्त करना होगा।

Lok Sabha Election 2024 बिहार में पूर्णिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पप्पू यादव और राजद की ओर से बीमा भारती के चुनाव लड़ने के दावे के बाद एक और सीट पर पेंच फंसता नजर आ रहा है। सियासी गलियारों में इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है। राजद की ओर से कांग्रेस को ऑफर भी दिया गया है।

पटना। पूर्णिया पर राजद की दावेदारी के साथ ही महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे का मामला एक बार फिर उलझ गया है।

मंगलवार को नई दिल्ली पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और कांग्रेस के राष्ट्रीय गठबंधन समिति के प्रमुख मुकुल वासनिक के साथ हुई बैठक के बाद दोनों दलों के बीच समझौते की संभावना बनी थी।

वह बुधवार को बीमा भारती को पूर्णिया से राजद का सिंबल देने के साथ ही धूमिल हो गई। पूर्णिया के अलावा कांग्रेस औरंगाबाद सीट के लिए भी अड़ी हुई है। औरंगाबाद में गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन है।

राजद 8 या 9 सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार

राजद सूत्रों के मुताबिक, वह कांग्रेस को आठ या नौ सीटें देने के लिए तैयार है। लेकिन, इनमें से अधिसंख्य सीटें कांग्रेस की पसंद की नहीं हैं। जीती हुई किशनगंज के अलावा उसे गोपालगंज, समस्तीपुर, पटना साहिब, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर, पूर्वी चंपारण जैसी सीटें दी जा रही हैं, जिनपर लड़ने का साहस राजद न कांग्रेस नहीं जुटा पा रही है।कांग्रेस भागलपुर से भी चुनाव लड़ने को इच्छुक है। कटिहार कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की सीट है, जहां से उसके नेता तारिक अनवर पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। राजद कटिहार के लिए भी आनकानी कर रहा है। वहां राजद अशफाक करीम को उम्मीदवार बनाना चाहता है। राज्यसभा में करीम का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है।

कांग्रेस की अनदेखी, वामदल से राजद का समझौता!

कांग्रेस की अनदेखी कर राजद ने वाम दलों के साथ सीटों का समझौता पूरा कर लिया है। उसने तीन सीटें भाकपा माले और एक-एक माकपा तथा भाकपा को दी है। भाकपा को दी गई बेगूसराय सीट को लेकर भी कांग्रेस नाराज है। 2019 के लाेकसभा चुनाव में छात्र नेता कन्हैया कुमार वहां से भाकपा उम्मीदवार की हैसियत से दूसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस उसी परिणाम के आधार पर बेगूसराय की मांग कर रही है।

मुकेश सहनी से भी हो रही बात

इधर, सियासी गलियारों में चर्चा है कि वाम दलों के अलावा राजद की बातचीत विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी से भी हो रही है। मुकेश तीन सीटों की मांग रहे हैं। राजद उनके लिए उत्तर बिहार की कोई एक सीट देने के लिए तैयार है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें दो और सीटें इस शर्त के साथ मिल सकती हैं कि वीआईपी के सिंबल पर राजद की ओर से अनुशंसित उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। वैसे, राजद और कांग्रेस-दोनों का प्रदेश नेतृत्व तालमेल टूटने की संभावना से इनकार करता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि किसी उम्मीदवार को दिया गया सिंबल वापस भी होता है।

टूट की खबरों को बताया गलत

पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारा गठबंधन सबसे पुराना है, हम किसी भी परिस्थिति में साथ रहे हैं और चुनाव लड़े हैं। यह गठबंधन नहीं टूटेगा।भाजपा को हराने के लिए हम हमेशा साथ, एकजुट और गोलबंद हैं। टूट की खबरों पर कहा कि सारी खबरें एजेंडा के तहत चलाई जा रही हैं। हम लोगों में कहीं भी किसी भी चीज को लेकर दरार की बात नहीं आई हैं।

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